वायनाड . केरल के वायनाड जिले में मंगलवार तड़के भारी बारिश विनाश लेकर आई. इस कारण पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त भूस्खलन हुआ, जिसमें चार गांव बह गए और 123 लोग जिंदा दफन हो गए. इस आपदा 128 घायल हो गए, जबकि कई लोगों के लापता होने की आशंका है.
सेना के दो जेसीओ और 40 जवान बचावकार्यों में जुटे हुए हैं. वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर भी मदद के लिए भेजे गए हैं. केरल में दो दिन का शोक घोषित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और मारे गए लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
चार घंटे में तीन भूस्खलन अधिकारियों ने बताया, भूस्खलन का सिलसिला देर रात दो बजे शुरू हुआ. सुबह छह बजे तक भूस्खलन की तीन घटनाएं दर्ज हुईं, जिसकी चपेट में चार गांव आ गए. लोग सोए हुए थे, जिससे उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला. भूस्खलन से कई मकान नष्ट हो गए, वाहन बह गए, जलाशयों में बाढ़ आ गई व सैकड़ों पेड़ उखड़ गए. प्रभावित गांवों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला व नूलपुझा शामिल हैं. 34 मृतकों की पहचान हो गई है, जिनमें से 18 के शव परिजनों को सौंपे गए हैं.
आपदा की भयावहता का पता इससे चलता है कि नदियों व कीचड़ में लोगों के क्षत-विक्षत अंग मिल रहे हैं. इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी को फोन पर राहत कार्यों पर बात की.