सेबी (Sebi) ने शुक्रवार को अनिल अंबानी (Anil Ambani) पर कड़ा ऐक्शन लेते हुए सिक्योरिटीज मार्केट में 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. मार्केट रेगलेटर ने दिग्गज बिजनेसमैन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सेबी के इस फैसले का असर अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों पर पड़ा है. 17 प्रतिशत तक इन कंपनियों के शेयर टूट गए हैं. आइए एक-एक करक जानते हैं इन कंपनियों के शेयरों के विषय में –
1- रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infrastructure shares)
कंपनी के शेयर शुक्रवार को गुरुवार को क्लोजिंग की तुलना में बढ़त के साथ बीएसई में 237.50 रुपये के लेवल पर खुला था. कंपनी के शेयर 243.50 रुपये के इंट्रा-डे हाई पर पहुंचने में भी सफल रहे थे. लेकिन सेबी के ऐक्शन लेते ही कंपनियों के शेयरों में गिरावट का ट्रेंड देखने को मिला. आज के इंट्रा-डे हाई से कंपनी के शेयर 17 प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं. बीएसई में इस स्टॉक का इंट्रा-डे (1.15 मिनट तक) लो लेवल 202 रुपये प्रति शेयर है.
2- रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (Reliance Home Finance Share)
बीते कुछ दिनों के दौरान कंपनी के शेयरों में अच्छी रिकवरी देखने को मिली थी. आज भी शेयरों में अपर सर्किट लगा था. लेकिन कुछ देर के बाद कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का लोअर सर्किट लग गया. जिस वजह से रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के भाव बीएसई में 4.46 रुपये के लेवल पर आ गया. बता दें, इस कंपनी के शेयरों में 20 अगस्त से लगातार अपर सर्किट लग रहा था.
3- रिलायंस पावर (Reliance Power Shares)
इस स्टॉक ने पिछल एक साल में निवेशकों के पैसे को लगभग दोगुना कर दिया है. लेकिन सेबी के ऐक्शन के बाद इसमें भी गिरावट देखने को मिली. 5 प्रतिशत का लोअर सर्किट लगने के बाद स्टॉक का भाव 34.45 रुपये के लो लेवल पर आ गया. इससे पहले आज ही कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट भी लगा था. बता दें, पिछले कुछ दिनों से लगातार कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लगा रहा था.
क्या है पूरा मामला?
सेबी ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी तथा रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य को कंपनी से धन के हेर-फेर के मामले में प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें पांच साल की अवधि के लिए प्रतिभूति बाजार से जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में शामिल होना शामिल है. इसके अलावा नियामक ने रिलायंस होम फाइनेंस को प्रतिभूति बाजार से छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.