1 जनवरी, 2025 से देश के अंदर कारों को खरीदना महंगा हो जाएगा. लगभग सभी कंपनियां अपनी कारों की कीमतों में 4% तक का इजाफा करने वाली है. यानी 31 दिसंबर तक कार खरीदने का बढ़िया मौका है. हालांकि, इस बीच पुरानी कारों को खरीदना भी महंगा हो गया है. जी हां, बाजार में पुरानी कारों की डिमांड काफी ज्यादा है, लेकिन अब इन्हें खरीदने के लिए ग्राहकों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. दरअसल, GST कांउसिल ने 55वीं बैठक में यूज्ड कारों पर लगने वाले टैक्स को 12% से बढ़ाकर 18% करने का फैसला किया है. काउंसिल की तरफ से तय किए गए नए रेट ओल्ड व्हीकल सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों या डीलर्स की ओर से खरीदे जाने वाले व्हीकल पर ही लागू होंगे.
यदि आप रजिस्टर्ड डीलर के जरिए अपनी यूज्ड कार बेच रहे हैं, तो यह GST लागू होगा. अगर आप सीधे कार बेच रहे हैं, तो आपको यह GST नहीं देना होगा. इस तरह आपको सही कीमत तय करने के वक्त यह बात अपने दिमाग में रखनी होगी. यूज्ड कारों पर GST की नई दर पर्सनल खरीदारों पर लागू नहीं होगी. इसका मतलब यह है कि अगर आप किसी शख्स से डायरेक्ट पुरानी कार खरीदते हैं, तो आपको 18% GST की बजाय 12%ही टैक्स देना होगा.
दूसरी तरफ, यूज्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचने पर भी आपको 18% GST देनी होगी. हालांकि, नई EV की खरीद पर आपको 5% GST देनी होती है. GST रेट बढ़ने से नई और पुरानी कारों की कीमतों के बीच का अंतर ऐसे में कम होने वाला है. इसके अलावा पुरानी कारों की बिक्री भी प्रभावित होगी. मान लीजिए आप 18 लाख रुपए में कार खरीदते हैं. इसे किसी किसी दोस्त या रिश्तेदार या फिर जानकार को 13 लाख रुपए में बेचते हैं, तो कोई GST नहीं लगाया जाएगा.
दूसरी तरफ, यदि कोई डीलर 13 लाख रुपए में कार खरीदता है और उसे 17 लाख रुपए में बेचता है, तो 18% GST केवल 4 लाख रुपए के प्रॉफिट मार्जिन पर देना होगा. इसका मतलब ये हुआ है कि अब पुरानी गाड़ी खरीदते समय फिर चाहे वो पेट्रोल, डीजल हो या फिर EV हो, 18% टैक्स प्रॉफिट मार्जिन पर देना होगा. कुल मिलाकर इससे सेकेंड कारों की कीमतों में इजाफा हो जाएगा.