शेयर बाजार में चौतरफा भारी बिकवाली का सिलसिला लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. इन चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में कुल 1,869 अंक यानी 2.39 की गिरावट आ चुकी है. इससे निवेशकों को कुल 24.69 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
सेंसेक्स 1048.90 अंक अर्थात 1.36 प्रतिशत का गोता लगाकर सात महीने बाद 77 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 76,330.01 अंक पर आ गया. इससे पहले यह 11 जून 2024 को 76,456.59 अंक पर रहा था. साथ ही निफ्टी 345.55 अंक यानी 1.47 प्रतिशत लुढ़ककर 23,085.95 अंक पर बंद हुआ. आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से सेंसेक्स और निफ्टी 13 तक नीचे आ गए हैं.
फिलहाल राहत के आसार नहीं : विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं. इनमें विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर तिमाही नतीजे, पहली छमाही के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कम पूंजीगत खर्च और उपभोक्ता मांग में सुस्ती जैसे कारण शामिल हैं. उनका कहना है कि घरेलू शेयर बाजारों में सुधार की गति फिलहाल धीमी रह सकती है.
सोमवार को कितना नुकसान
● 13 लाख करोड़ निवेशकों के डूबे एक दिन में
● 500 शेयर बीएसई के एक साल के निचले स्तर पर पहुंचे, 700 से ज्यादा में निचला सर्किट लगा
● 80 शेयर 20 से 55 फीसदी तक टूटे एक साल की ऊंचाई से
● 06 सत्रों में गिरावट रही जनवरी के कुल नौ सत्रों में, 2.3 फीसदी टूटे चुके बाजार जनवरी में अब तक
बाजार, रुपये में कमजोरी की नौ प्रमुख वजहें
1. कच्चे तेल का संकट
2. रुपये में तेज गिरावट
3. ट्रंप को लेकर विदेशी निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी
4. वैश्विक बाजारों में विदेशियों की ताबड़तोड़ बिकवाली
5. निवेशकों का सतर्क रुख
6. ब्याज दरों को लेकर चिंता
7. ब्याज कटौती को लेकर आरबीआई पर नजरें
8. तिमाही नतीजों में गिरावट की आशंका
9. जीडीपी की सुस्त रफ्तार
निफ्टी-50 का बीते एक साल का रिटर्न
● -2.25 : बीते एक सप्ताह में
● -6.8 : बीते एक माह में
● -8.13 : बीते तीन माह में
● -6.11 : बीते छह माह में
● 4.47 : बीते एक साल में