ट्रेंडिंगतकनीकीराष्ट्रीय

बिना PAN खोले गए बैंक खातों की होगी कड़ी निगरानी

यदि किसी ग्राहक ने बिना पैन दिए बैंक खाता खोला है तो जल्द ही उसकी कड़ी निगरानी हो सकती है. सत्यापन प्रक्रिया को भी सख्त किया जा सकता है. भारतीय बैंक संघ के एक कार्यसमूह ने अपनी रिपोर्ट में इसका भी प्रस्ताव RBI और सरकार को दिया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थायी खाता संख्या (PAN) की अनुपस्थिति में मतदाता पहचान पत्र और फॉर्म 60 का उपयोग करके खोले गए बैंक खातों की सत्यापन प्रक्रिया के मानक सख्त होने चाहिए. ऐसे खातों के सत्यापन के लिए निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का उपयोग किया जाए. साथ ही ऐसे खातों पर लेनदेन की संख्या भी सीमित की जाए. रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि एआई और मशीन लर्निंग को लेनदेन निगरानी प्रणालियों से जोड़ा जा सकता है. इससे अवैध तरीके से लेनदेन में शामिल खातों (म्यूल अकाउंट) की पहचान आसान हो जाएगी.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐसा एआई टूल विकसित किया है, जो धोखाधड़ी में शामिल बैंक खातों (म्यूल मनी अकाउंट) की पहचान आसानी से कर लेगा और उन्हें तुरंत बंद कर देगा. इस टूल को म्यूल हंटर (MuleHunter.AI ) नाम दिया गया है. इसे सभी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है.

अभी खाता जब्त करने का अधिकार नहीं

वर्तमान में बैंक अपनी आंतरिक सतर्कता प्रणाली के आधार पर ऐसे खातों को अस्थायी रूप से फ्रीज या ब्लॉक करते हैं. हालांकि, धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार उनके पास अदालत या कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) से मंजूरी लिए बिना ग्राहक खातों को जब्त करने का अधिकार नहीं है.

क्या होते हैं म्यूल खाते

ये ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों से पैसा हासिल करने और उसे आगे भेजने का जरिया बनते हैं. भारत में ये खाते अक्सर ऐसे लोग खोलते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक इस्तेमाल करने देते हैं. इनका संचालन असल खाताधारक के स्थान पर कोई और व्यक्ति करता है. ये खाते किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं.

पहचान आसान नहीं

हाल ही में हुई एक अध्ययन में पाया गया कि एक भारतीय बैंक में 10 में से 9 म्यूल खाते पकड़े नहीं गए. इन म्यूल खातों में शुरुआती गतिवधि भारत के भीतर ही शुरू होने के बावजूद बैंक इसे पकड़ नहीं पाया.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button