
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं के बाद 10वीं परीक्षा का रिजल्ट भी जारी कर दिया है. परीक्षार्थी 10वीं और 12वीं दोनों का रिजल्ट results.cbse.nic.in और www.digilocker.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. इस वर्ष 10वीं में 93.66 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं जो कि पिछले साल से 0.06 फीसदी अधिक है. 2385079 विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. इसमें से 2371939 विद्यार्थी एग्जाम में बैठे. एग्जाम में उपस्थित इन छात्रों में से 2221636 पास हुए हैं. लड़कियां 95 फीसदी पास हुईं जबकि लड़के 92.63 फीसदी पास हुए. यानी लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से 2.37 फीसदी अधिक रहा. वहीं सीबीएसई 12वीं परीक्षा में 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.41 प्रतिशत अधिक है. 10वीं की तरह सीबीएसई 12वीं में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से काफी बेहतर रहा. सीबीएसई 10वीं रिजल्ट में कुल 45516 या 1.92 प्रतिशत छात्रों ने बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं.
सीबीएसई 10वीं रिजल्ट में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से अच्छा
सीबीएसई 12वीं की तरह 10वीं में भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से अच्छा रहा है. लड़कियां 95 फीसदी पास हुईं जबकि लड़के 92.63 फीसदी पास हुए. यानी लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से 2.37 फीसदी अधिक रहा. ट्रांसजेंडर वर्ग का रिजल्ट 95 फीसदी रहा.
सीबीएसई 12वीं रिजल्ट में 91 प्रतिशत छात्राएं पास हुईं जबकि छात्रों का पास प्रतिशत 85.06 प्रतिशत रहा है. कुल 1,11,544 स्टूडेंट्स ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जबकि 24,867 स्टूडेंट्स ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं. 1.29 लाख से अधिक बच्चों को कंपार्टमेंटल की कैटेगरी में डाला गया है. हर साल की तरह इस बार भी सीबीएसई ने टॉपरों की लिस्ट जारी नहीं की है. कुछ साल पहले सीबीएसई ने अनहेल्दी कंपीटिशन को रोकने के लिए मेरिट लिस्ट जारी करना बंद कर दिया था. बोर्ड सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को ये निर्देश भी देता है कि किसी भी बच्चे को स्कूल या जिले का टॉपर घोषित न करें.
सीबीएसई परीक्षाओं में कक्षा 10 के छात्रों को थ्योरी और आंतरिक मूल्यांकन दोनों के अंकों को मिलाकर पास होने के लिए 33% अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. कक्षा 12 के छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग 33 फीसदी अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. यदि कोई छात्र इस मानदंड को 01 अंक या उससे कम से पूरा करने में विफल रहता है, तो उसे ग्रेस अंक दिए जा सकते हैं.