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FAST Tag से पार्किंग और पेट्रोल पंप पर भी भुगतान की तैयारी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय फास्टैग भुगतान का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय की योजना है कि इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने, पेट्रोल पंप, पार्किंग और बीमा भुगतान के लिए भी हो। इससे फास्टैग का इस्तेमाल और बढ़ेगा और लोगों को सुविधा होगी। मंत्रालय इस योजना को लागू करने के तरीकों पर काम कर रहा है। इस संबंध में हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (nhai) के तहत काम करने वाली भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी (आईएचएमसीएल) ने फिनटेक कंपनियों के साथ एक बैठक की। इसमें फास्टैग प्रणाली के नए इस्तेमाल के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के बाद मंत्रालय ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि FAST Tag को आगे कैसे प्रसारित किया जा सकता है। इसमें सुरक्षा का ध्यान कैसे रखा जाए और शिकायतों को कैसे दूर किया जाए। बैठक में प्रमुख फिनटेक कंपनियों से सुझाव भी लिए गए। इस नई योजना के संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग इकोसिस्टम का विस्तार करना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है।

लोगों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी

फास्टैग में सिर्फ टोल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सफर को आसान बनाने के लिए बहुत बड़ी संभावना है। फिनटेक कंपनियों और दूसरे लोगों के साथ मिलकर मंत्रालय फास्टैग को एक मजबूत मंच बनाना चाहता है जिससे लोगों को बेहतरीन सुविधा मिले, परिवहन सेवाएं बेहतर हों।

सरकार का मकसद बड़ा नेटवर्क तैयार करना

इस पहल के जरिए सरकार का मकसद है कि फास्टैग के जरिए एक ऐसा डिजिटल नेटवर्क तैयार किया जाए, जहां वाहन मालिकों को एक ही मंच पर यात्रा और परिवहन से जुड़ी सभी सुविधाएं कैशलेस, तेज और सुरक्षित तरीके से मिल सके। इन सेवाओं में नई तकनीक से टोल भुगतान, पार्किंग-चार्जिंग शुल्क और पेट्रोल पंप तथा बीमा भुगतान शामिल हैं।

बिना रुके टोल भुगतान पर जोर

इसके साथ ही मंत्रालय मल्टी-लेन निर्बाध टोल भुगतान को बढ़ावा देना चाहता है। यह ऐसी तकनीक है, जिसमें टोल बूथ पर गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं होती। फास्टैग और गाड़ी के नंबर को कैमरे खुद पढ़ लेते हैं और टोल अपने आप कट जाता है। केंद्रीय सड़क सचिव वी. उमाशंकर का कहना है कि सरकार का लक्ष्य टोल संग्रह को पूरी तरह कैशलेस करना है। ये न सिर्फ सुविधाजनक होगा, बल्कि लोगों का समय बचाएगा और धोखाधड़ी-मुक्त एवं त्रुटि-रहित होगा. फिनटेक कंपनियां इसमें नई तकनीक लाएंगी और सरकार इसे लागू करने में मदद करेगी।

11 करोड़ फास्टैग जारी

देशभर में 1,728 टोल प्लाजा पर फास्टैग इस्तेमाल हो रहा है और टोल भुगतान का 98.5% हिस्सा इससे किया जा रहा है। अब तक 11 करोड़ से ज्यादा फास्टैग कार्ड जारी किए जा चुके हैं। देश में 38 से अधिक बैंकों द्वारा फास्टैग जारी किए जाते हैं।

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