अगर आपने भी बैंक में एफडी (Bank FD) करा रखी है या फिर फिक्सड डिपॉजिट (fixed deposit) कराने का प्लान है तो आरबीआई (RBI) की ओर से बड़ी जानकारी दी गई है. रिजर्व बैंक की ओर से एफडी के नियमों (RBI FD rules) में बड़ा बदलाव किया है. नए नियम प्रभावी भी हो गए हैं. तो आप अपना पैसा डिपॉजिट करने से पहले आरबीआई के नए नियमों के बारे में जानकारी ले लें, जिससे आपको किसी भी तरह से नुकसान न उठाना पड़े.
आरबीआई ने दी जानकारी
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट्स की कीमतों में किए गए इजाफे के बाद से बैंकों ने भी एफडी की ब्याज दरों में इजाफा करना शुरू कर दिया है. आरबीआई ने इसके बाद में एफडी के नियमों में चेंज कर दिया है.
जानें क्या है नए नियम?
आपको बता दें रिजर्व बैंक ने बताया है कि अब से अगर मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी आप अपनी अमाउंट को क्लेम नहीं करते हैं तो उस पर आपको कम ब्याज मिलेगा यानी आपका नुकसान हो जाएगा. बता दें यह ब्याज बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज के बराबर होगा.
रिजर्व बैंक ने बताया क्यों बदले नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर आपकी एफडी मैच्योर हो गई है और आगे किसी भी राशि के भुगतान के बारे में नहीं कहा जाता है तो उस पर बचत खाते के हिसाब से ही ब्याज मिलेगा या फिर एफडी पर निर्धारित ब्याज इन दोनों में से जो कम होगा उसके हिसाब से ब्याज का फायदा मिलेगा.
सभी बैंकों पर लागू हुए ये नियम
आपको बता दें ये नए नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, सहकारी बैंकों, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा राशि पर लागू होंगे.
उदाहरण से समझिए
उदाहरण के लिए अगर आपने 5 साल की अवधि वाली एफडी कराई है जोकि आज मैच्योर हो गई है, लेकिन आप इस पैसे को आज नहीं निकालते हैं तो ऐसे में आपकी एफडी पर मिल रहे ब्याज और बचत खाते पर दिए जा रहे ब्याज की राशि दोनों में से जो भी कम होगा उस हिसाब से आपको ब्याज का फायदा मिलेगा.