अगर किसी ऐसे व्यक्ति की मौत हो जाए, जिससे हमारा भावनात्मक जुड़ाव रहा हो, तो उसकी मौत के गम से दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. इस दुख से हमारा मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है.
अरिजोना विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में यह बात स्पष्ट हुई है कि गहरे सदमे की वजह से दिल की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है और इस वजह से रक्तचाप काफी अधिक हो जाता है. यह शोध साइकोसोमैटिक मेडिसिन नाम के एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
अध्ययन की वरिष्ठ लेखक मैरी फ्रांसीस ओ कॉनर ने कहा कि टूटे हुए दिल की वजह से मौत का विचार ही इस शोध की वजह बना. महामारी के अध्ययनों में किसी प्रियजन की मौत के बाद मृत्यु दर में वृद्धि का लंबे समय से दस्तावेजीकरण किया गया है. इस अध्ययन में 59 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जिनके किसी न किसी खास की मौत पिछले एक साल में हुई हो.
दुख को याद करते ही बढ़ा रक्तचाप
ओ कॉनर ने बताया कि जब आप कॉर्डियोलॉजिस्ट के पास जाते हैं, तो वह केवल आपका रक्तचाप नहीं मापते हैं, बल्कि कई बार वे आपके तनाव का परीक्षण भी करते हैं. यह एक भावनात्मक परीक्षण की तरह है. अपने दुख को याद करते ही उम्मीदवारों का सिस्टॉलिक रक्तचाप मशीन में औसतन 21.1 मिलीमीटर तक पहुंच गया.
बिछड़ने के अहसास को लेकर सवाल पूछे गए
अध्ययन के लेखक रोमन पालित्स्की ने कहा कि हमने शोध में शामिल लोगों के किसी अपने की मौत के बाद पहले साल के दौरान उनके दिल पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया. अध्ययन में शामिल लोगों का साक्षात्कार लिया गया और उनसे मृतक से बिछड़ने के अहसास और उससे जुड़ाव को लेकर सवाल पूछे गए.