बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण बढ़ा
भारत समेत दुनियाभर में बच्चों का ऑनलाइन यौन शोषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है. हर आठ में से एक बच्चा ऑनलाइन यौन शोषण का शिकार है. हर साल 30 करोड़ से अधिक बच्चे यह सब झेलने को मजबूर होते हैं.
स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने यह रिपोर्ट पेश की है. इसके अनुसार, दुनिया के 12.6 फीसदी बच्चे पिछले साल बिना सहमति के बात करने, तस्वीरों व वीडियो को साझा करने के लिए मजबूर हुए. विश्वविद्यालय में चाइल्डलाइट ग्लोबल चाइल्ड सेफ्टी इंस्टीट्यूट के शोधार्थियों ने डाटा एकत्रित किया और बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के मामलों पर अध्ययन किया.
इसके लिए 125 अध्ययनों के मूल शोध व पांच मुख्य निगरानी व पुलिस संगठनों को दी गई 3.6 करोड़ रिपोर्ट को आधार बनाया गया है. एशिया में ये मामले सबसे अधिक हैं.
भारत में 89 लाख मामले चाइल्डलाइट के वैश्विक सूचकांक इनटू द लाइट में पाया गया, चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) होस्टिंग या अपलोडिंग के लिए ऑनलाइन वॉचडॉग के सभी अलर्ट में दक्षिण एशिया का योगदान लगभग एक तिहाई है. इसके बाद पूर्वी एशिया और प्रशांत का स्थान है. पिछले साल भारत में सीएसएएम के लिए 89 लाख अलर्ट थे. बांग्लादेश के लिए 25 लाख व पाक में 19 लाख अलर्ट जारी हुए थे. पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पिछले साल 13 फीसदी बच्चों से ऑनलाइन यौन आग्रह किया गया था.