छोटे निवेशकों के डीमैट खाते की सीमा बढ़कर 10 लाख रुपये हुई
शेयर बाजार में छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने और उन पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए बाजार नियामक सेबी ने बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट में न्यूनतम राशि की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है. यह नई सीमा एक सितंबर, 2024 से लागू होगी.
यह फैसला कई मायनों में काफी अहम है, इस कदम से बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट में रखी जानी वाली संपत्ति की सीमा बढ़ाने से छोटे निवेशकों का शेयर बाजार की ओर रुझान बढ़ेगा, उनकी वित्तीय पहुंच बढ़ेगी.
ऐसे होगा निवेशकों को फायदा इस खाते में पोर्टफोलियो का मूल्य अगर चार लाख रुपये तक है, तो सालाना शुल्क शून्य होगा, चार लाख से 10 लाख रुपये के बीच सिर्फ 100 रुपये का सालाना शुल्क लगेगा. अगर पोर्टफोलियो का मूल्य 10 लाख रुपये से ज्यादा होता है तो बीएसडीए खाता अपने आप ही नियमित डीमैट खाते में तब्दील हो जाएगा.
खाताधारक को इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा, फिजिकल स्टेटमेंट के लिए 25 रुपये/स्टेटमेंट देने होंगे. सेबी ने साल 2012 में बीएसडीए खाता लॉन्च किया था, ये स्टैंडर्ड डीमैट खाते का एक सरल प्रारूप है, इसका मकसद छोटे-छोटे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर लगने वाले डीमैट शुल्कों को कम करना था.