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वजन घटाने  के लिए केवल कैलोरी के भरोसे रहना सही रास्ता नहीं

वजन घटाने के दावे वाले सभी आहार दिनभर की जरूरत के हिसाब से कम कैलोरी खाने की सलाह देते हैं, लेकिन ऐसा कोई भी आहार सर्वोत्तम नहीं है. साइंटिफिक अमेरिकन में प्रकाशित एक लेख में यह दावा किया गया है. इसमें बताया गया है कि केवल कैलोरी के भरोसे रहना सही रास्ता नहीं हैं. शरीर हमारे दैनिक कार्यों को करने के लिए भोजन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करता हैं, इस ऊर्जा को कैलोरी या किलोकैलोरी के रूप में मापते हैं.

‘खाद्य निर्माता डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की कैलोरी गणना कैसे करते हैं’नाम से प्रकाशित लेख में बताया गया है कि भोजन को एक सीलबंद कंटेनर में रखा जाता है जिसे ‘बम कैलोरीमीटर’कहा जाता है और इसमें मौजूद पानी को भोजन की ऊर्जा से गर्म करके पूरी तरह से जला दिया जाता है. इस पानी को 1 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करने के लिए जितनी ऊर्जा लगती है उसे एक कैलौरी में मापा जाता है.

आपके शरीर को कितनी जरूरत सामान्यत धारणा है कि पुरुषों को प्रति दिन लगभग 2,400 किलो कैलोरी, महिलाओं को द हजार किलो कैलोरी की जरूरत हैं. ये संख्या एक गणितीय सूत्र से ली गई हैं. इसमें सबसे आम हैरिस-बेनेडिक्ट समीकरण है जो उम्र, वजन और ऊंचाई के आधार पर इसकी गणना करता है. इसमें नींद, व्यायाम जैसे तत्व गायब हैं. स्लीप फाउंडेशन के अनुसार एक रात की नींद अगले दिन आपके कैलोरी बर्न को 20तक कम कर सकती है. व्यायाम भी हमारी ऊर्जा को कम करता है, इसलिए जब हम जिम में कम कैलोरी जलाते हैं, तो कैलोरी बर्न में कमी आ सकती है.

बदलती रहती हैं जरूरतें

इसमें बताया गया है कि महिलाओं की कैलोरी संबंधी ज़रूरतें उनके मासिक धर्म चक्र के दौरान बदल जाती हैं. वजन कम करने के लिए हमें शरीर में संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए दैनिक कैलोरी को कम करने की सलाह दी जाती हैं. वहीं, स्थायी वजन घटाने के लिए अक्सर 250-500 किलो कैलोरी कम करने की आवश्यकता होती है.

एक ही भोजन में अलग-अलग मात्रा में कैलोरी

एक 100 ग्राम के सेब में 52 किलो कैलोरी होती हैं वहीं कुछ सेब में 104 किलो कैलोरी आनलॉइन ट्रैकर में नजर आती हैं. एक ही फल में यह 52 किलो कैलोरी का अंतर साफ नजर आता है. इसके अलावा नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के अध्ययन में बताया गया है कि भोजन को पकाने की अलग-अलग विधियों से फाइबर और प्रोटीन के जरिये कैलोरी की संख्या बढ़ और घट सकती है. एफडीए जैसी एजेंसी खाद्य लेबलिंग संगठन को 20 तक त्रुटि में मार्जिन देते हैं. इसका मतलब यदि कोई उत्पाद 20 की त्रुटि के साथ आता है, तो यह आपके शरीर में 250 किलो कैलोरी से 300 किलो कैलोरी तक असर डाल सकता है.

यह है समाधान

1. सबसे पहले भूख और तृप्ति के संकेतों को जानना है. शरीर कब बताता है कि वे संतुष्ट या भूख महसूस कर रहा है और उसी के अनुसार भोजन करें.

2. संतुष्ट होने तक खाएं. यानी अपने शरीर की जरूरतों को सुनकर, आप अपने शरीर के साथ तालमेल बिठा रहे हैं, उसे मजबूर नहीं कर रहे हैं.

3. खाद्य पदार्थों में पाई जाने वाली कैलोरी के नंबरों पर निर्भर नहीं रहें क्योंकि वे बिल्कुल गलत हैं.

20 फीसदी तक कैलोरी बर्न को कम कर सकती है एक रात की नींद

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