आम बजट में सरकार ने टीडीएस के मोर्चे पर कई बदलाव किए हैं, जिन्हें बारीकी से समझना बेहद जरूरी है. सरकार ने किराए की प्रॉपर्टी से अर्जित आय की सीमा को सालाना ढाई से बढ़ाकर छह लाख किया है लेकिन इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसमें मासिक 50 हजार रुपये की सीमा भी लगा दी है. उधर, टीडीएस की सीमा में अन्य बदलाव किए हैं, जिससे बीमा एजेंट, शेयर बाजार निवेशक, ब्रोकरेज फर्म और तकनीकी सेवा देने वाले लोगों को लाभ होगा.
सीए विनीत राठी कहते हैं कि लोग किराए से अर्जित आय पर टीडीएस काटने को लेकर की गई व्यवस्था को समझने में थोड़ी गड़बड़ी कर रहे हैं. लोगों को लगता है कि उन्हें अगर सालाना छह लाख रुपये किराए से आय के रूप में मिलेगा तो उस पर टीडीएस नहीं कटेगा. महीने में 50 हजार से ऊपर भुगतान होता है तो उस पर टीडीएस काटना होगा.
ऐसे में लोगों कहेंगे कि अगर 50 हजार रुपये महीना मिलेंगे तभी तो यह धनराशि साल में छह लाख रुपये बैठेगे. इसे तकनीकी रूप से समझें. दरअसल कुछ प्रॉपर्टी साल भर के लिए नहीं ली जाती हैं. अगर 8-10 महीने के लिए किराया छह लाख रुपये निर्धारित किया जाता है तो छह लाख के किराए को 10 किस्तों में बांटा जाएगा. हर महीने मालिक को 60 हजार का किराए मिलेगा. ऐसी स्थिति में मासिक किराया 50 हजार से ऊपर होने पर टीडीएस काटना होगा.