कैंसर के इलाज के लिए जल्द ही टीका आ सकता है. अमेरिका में बड़े स्तर पर किए जा रहे एक अध्ययन के शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी है.
अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन की तरह इन टीकों को तैयार किया जा रहा है, जो बीमारी को वापस लौटने से रोकने में मददगार है. आगामी पांच सालों में ये बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने माने तों ये पारंपरिक टीके नहीं हैं जो बीमारी को रोकते हैं. कैंसर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में छिपा रहता है. पांरपरिक कैंसर के टीके इम्यूनोथेरेपी की तरह कैंसर कोशिकाओं को खोजने और खत्म करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ टीके नए एमआरएनए का उपयोग करते हैं. लेकिन, कैंसर के लिए पहली बार कोरोना वैक्सीन की तकनीक के आधार पर खास टीके तैयार किए जा रहे हैं. जो ट्यूमर को छोटा करने में मददगार होगे. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के डॉ. जेम्स गुले ने बताया कि इस टीके के जरिये प्रतिरक्षा प्रणाली की टी कोशिकाएं को कैंसर के खतरनाक रूप को पहचानेगी.
ऐसे होगी पहचान
यूडब्ल्यू मेडिसिन की डॉ. नोरा डिसिस ने बताया कि इस टीके के जरिये प्रतिरक्षा प्रणाली की टी कोशिकाएं कैंसर के खतरनाक रूप को पहचानेगं. इसके बाद ये खतरे को कम करने के लिए पूरे शरीर में कहीं भी जा सकती हैं.
महंगा हो सकता है इलाज
शोधकर्ताओं की माने तो ये टीके महंगे हो सकते हैं. शोधकर्ता डॉ. पैट्रिक ओट ने कहा, कि आपको मूल रूप से हर वैक्सीन को नए सिरे से बनाना होता है. ये टीके कई तरह के कैंसर मरीजों के लिए डिजाइन किए गए हैं. स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर के इलाज के परीक्षण चल रहे हैं. इसके नतीजे अगले साल तक आ सकते हैं.
असफलता से मिली सीख
यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के वैक्सीन शोधकर्ता ओल्जा फिन ने बताया कि शुरुआत में यह अध्ययन लड़खड़ा गया था, क्योंकि कैंसर ने मरीजों की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को खत्म कर दिया था. लेकिन, इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने बताया कि इसके बाद हमने बीमारी के शुरुआती लक्षण वाले वाले रोगियों पर ध्यान केंद्रित किया.