डायबिटीज के मरीजों को खान-पान का खास ध्यान रखना पड़ता है. जहां तक फल व सब्जियों की बात है, हर सब्जी में पोषक तत्व व फाइबर की मात्रा अलग होती है. इसी कारण कुछ सब्जियां, दूसरों की तुलना में इंसुलिन रेजिस्टेंस में अधिक प्रभावी साबित होती हैं और ब्लड ग्लूकोस के स्तर को कम रखती हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, गैर-स्टार्च युक्त सब्जियां फाइबर की अधिकता के कारण स्टार्चयुक्त सब्जियों की तुलना में मधुमेह रोगी के लिए बेहतर होती हैं.
गैर-स्टार्चयुक्त सब्यिजों में हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, लेट्यूस, रंग-बिरंगी शिमला मिर्च, हरी प्याज, गोभी, ब्रोकली, बंद गोभी,अंकुरित अनाज, बींस, गाजर, सोयाबीन, मशरूम की फलियां, बैंगन व शलजम आदि गैर-स्टार्चयुक्त सब्जियों को नियमित आहार में शामिल करना चाहिए. स्टार्च युक्त सब्जियों में मक्का, शकरकंद, सीताफल, मटर व आलू को खासतौर पर शामिल किया जाता है.
आहार विशेषज्ञों के अनुसार, गैर स्टार्चयुक्त सब्जियों का सेवन फाइटोकैमिकल्स का उत्पादन बढ़ाता है और कार्ब्स को कम करता है. इसके अलावा इनमें फाइबर अधिक होता है, स्टार्च और शुगर की मात्रा कम होती है. एक कटोरी सब्जी खाने पर 5 ग्राम से कम कार्ब शरीर को मिलता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए उचित है.
इसके अलावा गैर स्टार्चयुक्त सब्जियों में सूजन को कम करने के गुण भी होते हैं. इसी गुण के कारण इनका सेवन हृदय तंत्र के रोगों, टाइप-2 डाइबिटीज और कई तरह के कैंसर और मोटापा रोकने में भी सहायक साबित होता है.