मोबाइल उपभोक्ताओं के बिल में इजाफा हो सकता है. इस साल होने जा रहे आम चुनावों के बाद भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां मोबाइल दरों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं. टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों तरह के प्लान में वृद्धि करने की तैयारी में हैं. बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज (बोफा) की हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम क्षेत्र अपनी स्थिति सुधारने पर खासा जोर दे रहा है. दूसरी तिमाही में प्रमुख कंपनियों को राजस्व में नुकसान हुआ. इसके बावजूद वे बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्राहक खोने के डर से दरें नहीं बढ़ा पा रही हैं. हाल ही में एयरटेल और वीआई (वोडाफोन आइडिया) ने भी मोबाइल टैरिफ में इजाफा करने की मंशा जाहिर की थी. ये कंपनियां चाहती हैं कि प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) में बढ़ोतरी हो. एआरपीयू किसी भी टेलीकॉम कंपनी की वित्तीय स्थिति को आंकने का प्रमुख जरिया होता है.
कंपनियों का मानना है कि निकट भविष्य में 5जी से जुड़े एआरपीयू में वृद्धि बहुत कठिन है. ऐसे में कंपनियों के पास 4जी टैरिफ को बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
नवंबर 2021 में हुई थी दरों में बढ़ोतरी : मोबाइल टैरिफ की कीमतों में पिछली बार नवंबर 2021 में इजाफा किया गया था. तब कंपनियों ने 20 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक दाम बढ़ाए थे. एयरटेल ने कीमतों में 25 फीसदी का इजाफा किया था. वोडाफोन आइडिया ने टैरिफ में 20 से 25 फीसदी का इजाफा किया था.
5जी सुविधा के लिए ज्यादा चुकाने होंगे
खबरों के अनुसार, बताया रिलायंस जियो और एयरटेल प्रीमियम उपभोक्ताओं के लिए अनलिमिटेड 5जी डाटा प्लान को बंद कर सकते हैं. साथ ही ये कंपनियां इस साल की दूसरी छमाही से 5जी सेवा के लिए 4जी के मुकाबले पांच से दस फीसदी तक अधिक वसूल सकती हैं. कंपनियां टैरिफ प्लान में दो या तीन किस्तों में इजाफा कर सकती हैं.