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वीडियो गेम से बहरेपन का खतरा

वीडियो गेम खेलने के शौकीन लोगों की सुनने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस नए शोध में यह बात सामने आई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वैज्ञानिक भी इस शोध में शामिल थे. यह शोध कुल 50 हजार लोगों पर किया गया.

हेडफोन और ईयरबड है मुख्य वजह वीडियो गेम खेलने के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हेडफोन, ईयरबड और म्यूजिक वेन्यू का प्रभाव कानों पर पड़ता है और सुनने की क्षमता कम होती जाती है. शोधकर्ताओं के अनुसार बच्चे एक सप्ताह के दौरान साढ़े छह घंटे 83 डेसिबल, साढ़े तीन घंटे 86 डेसिबल और 12 मिनट के लिए 90 डेसिबल तक आवाज सुन सकते हैं.

ध्वनि को मापने की ईकाई है डेसिबल ध्वनि की मात्रा को मापने की ईकाई को डेसिबल कहते हैं, अधिक आवाज का अर्थ अधिक डेसिबल होता है.

देशों के 14 अध्ययनों की समीक्षा की गई

● 50 हजार वीडियो गेम खेलने वालों पर नौ देशों में हुआ शोध

● लंबे समय तक काफी तेज आवाज के बीच रहते हैं बच्चे

वीडियो गेम से खतरे के प्रति लोगों के बीच जागरुकता की जरूरत

नौ देशों द्वारा किए गए 14 अध्ययनों की समीक्षा अमेरिका में साउथ कैरोलिना के मेडिकल यूनिवर्सिटी और डब्ल्यूएचओ के शोधकर्ताओं वाली अंतरराष्ट्रीय शोध टीम ने की. ये नौ देश हैं उत्तरी अमेरिका, यूरोप, साउथ ईस्ट एशिया, एशिया और ऑस्ट्रेलिया. शोध के निष्कर्ष के अनुसार, ‘ इस समस्या का अंत करने के लिए वीडियो गेम से होने वाले जोखिम को लेकर जागरुकता लाने की जरूरत है.

निर्धारित मानक से तेज होती है आवाज

शोध के अनुसार, वीडियो गेम खेलने के दौरान लंबे समय तक बच्चे तेज आवाज का सामना करते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि इस दौरान बच्चों के कान में काफी करीब से तेज आवाज जाती है जो मानक से काफी अधिक होती है.

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