HDFC Bank की अगुआई में FPI ने की जमकर बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले सप्ताह 20,170 करोड़ रुपये (2.4 अरब डॉलर) के शेयर बेचे. यह 2008 की शुरुआत के बाद से विदेशी फंडों से पांचवीं सबसे बड़ी साप्ताहिक निकासी और मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक निकासी थी. कोविड के चलते FPI ने उस हफ्ते 21,951 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे और बाजार को करीब 20 फीसदी नीचे ला दिया था.
पिछले हफ्ते की निकासी मुख्य रूप से HDFC Bank के शेयरों की बिकवाली के चलते हुई, ऐसा शेयर जिसमें FPI का निवेश सर्वोच्च स्तरों में से एक है. विदेशी निवेशकों ने HDFC Bank के शेयरों की बिकवाली लेनदार की तरफ से निराशाजनक तिमाही नतीजे और कर्ज वृद्धि को लेकर चिंता व शुद्ध ब्याज मार्जिन में गिरावट के बाद की थी.
अमेरिकी ट्रेडरी यील्ड में सख्ती से बढ़ी चिंता
अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में सख्ती का भी सेंटिमेंट पर असर पड़ा और चिंता उभरी कि क्या फेडरल रिजर्व उसी रफ्तार से ब्याज दरें घटाएगा, जिसकी उम्मीद बाजार ने की है. पिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की दलील थी कि दरों में कटौती तेज गति से नहीं होनी चाहिए.
इसके अलावा ब्रिटेन के महंगाई के आंकड़ों में बढ़ोतरी समेत कुछ अन्य आंकड़ों के चलते निवेशकों को बैंक ऑफ इंगलैंड की तरफ दर कटौती को लेकर अपना दांव छोड़ना पड़ा. अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड का यील्ड दरों में कटौतीकी राह को लेकर संदेह के बीच 4 फीसदी को छू गया.