चावल ही नहीं, दूसरी फसलें भी हों फोर्टिफाइड, तब भागेगा कुपोषण
रायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय इस समय अपना 38वां स्थापना दिवस समारोह मना रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें खाद्य सुरक्षा, पोषक तत्वों और कुपोषण दूर करने पर चर्चा हुई. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. गिरीश चंदेल ने कहा कि चावल ही नहीं, दूसरी फसलें भी फोर्टिफाइड हों. इससे हम कुपोषण को दूर कर सकते हैं. उन्होंने कहा, खाद्यान्न उत्पादन के मामले में देश आत्मनिर्भर हो गया है. लोगों को पर्याप्त खाद्य सुरक्षा मिल रही है. फिर भी हमारा देश कुपोषण से जूझ रहा है. इसका प्रमुख कारण खाद्य पदार्थां में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी है. कुपोषण दूर करने के लिए जरूरी है कि फोर्टिफाइड फसलों व खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल किया जाए. कृषि वैज्ञानिकों एवं जैव प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए.
उन्होंने कहा, विभिन्न फसलों की फोर्टिफाइड किस्में विकसित करें. ये लोगों को अधिक पौष्टिक तत्व देने में सक्षम हों. स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों में मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का उपयोग करें. इस दौरान विवि के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, डॉ. प्रशांत जायसवाल, डॉ. राकेश मीणा, डॉ. उमेश कांबले, डॉ. सतीश वेरूलकर, डॉ. एके दवे, डॉ. शुभा बैनर्जी आदि मौजूद रहे.