
केंद्र सरकार ने ट्रेनों की टक्कर रोकने वाली तकनीक कवच को 827 किलोमीटर ट्रैक पर लगाया है. इसके अलावा 3040 किलोमीटर लंबे ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए गए हैं.
सरकार स्वदेशी तकनीक से विकसित कचव तकनीक को प्रथम चरण में दिल्ली-हावड़ा व दिल्ली-कोलकाता रेलमार्ग पर लगा रही है. योजना पूरी होने के बाद इन दोनों रेलमार्ग के ट्रेन दुर्घटना मुक्त होने की उम्मीद है. रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि कवच तकनीक में ट्रेन के इंजनों, रेलवे ट्रैक, स्टेशन आदि पर उपकरण लगाए जा रहे हैं.
कवच, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटटीफिकेशन तकनीक पर आधारित है. इसके लिए ट्रैक के किनारे 827 किलोमीटर कवच उपकरण लगाए गए हैं. रेलमार्गों के किनारे 269 मोबाइल टॉवर लगा गए हैं. 170 ट्रेन इंजनों व 186 स्टेशनों को कवच से लैस किया गया.