
देवभूमि द्वारका (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ओखा से बेट द्वारका के बीच भारत के सबसे लंबे केबल पुल ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते दस वर्षों में उन्होंने सियासत नहीं, सिर्फ विकास किया. इसी का परिणाम है कि देश में हर जगह भव्य और दिव्य निर्माण हो रहे हैं.
मोदी ने द्वारका में सेतु के उद्घाटन के अतिरिक्त कई और परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में जब आप सभी ने मुझे आशीर्वाद देकर दिल्ली भेजा था, तब मैंने वादा किया था कि मैं किसी को भी देश को लूटने नहीं दूंगा. कांग्रेस के जमाने में जो हजारों करोड़ के घोटाले होते थे, वे बंद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया. इसके परिणामस्वरूप हर जगह ऐसे भव्य और दिव्य निर्माण हो रहे हैं, जो नये भारत की नई तस्वीर पेश कर रहे हैं. मुंबई में अटल सेतु, जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर रेलवे पुल, तमिलनाडु में वर्टिकल लिफ्ट पुल और असम में एक नदी पुल ऐसी बड़ी परियोजनाओं के उदाहरण हैं.
समुद्र के भीतर विशेष पूजा की प्रधानमंत्री ने द्वारका के पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग भी की. पानी में डूबी भगवान कृष्ण की प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन करने के साथ वहां पूजा-अर्चना भी की. सफेद डाइविंग हेलमेट और गेरुआ वस्त्रत्त् पहने प्रधानमंत्री मोदी समुद्र तल पर पालथी मारकर बैठे और हाथ जोड़कर प्रार्थना की. इससे पूर्व मोदी हाथ में मोर पंख लिए वहां पहुंचे ,जिन्हें भगवान कृष्ण को अर्पित किया.
साहस से कहीं अधिक, यह आस्था थी पानी से बाहर आने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, साहस से कहीं अधिक, यह आस्था थी. मोदी ने बाद में यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह प्राचीन शहर को स्पर्श कर रहे थे तो 21वीं सदी के भारत की भव्यता की तस्वीर उनकी आंखों के सामने घूम गई. समुद्र में द्वारका के दर्शन ने विकसित भारत के मेरे संकल्प को और मजबूत किया है.