कर्मयोगी कोर्स करने से कतरा रहे रेलवे के नए कर्मी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कर्मयोगी कोर्स करवाती है, लेकिन रेल कर्मचारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं. इसे लेकर रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने नाराजगी जताई है.
इन्हें पता चला है कि नई नियुक्ति पाने वाले 1.20 लाख कर्मचारियों में से सिर्फ पांच फीसदी से कम लोगों ने यह कोर्स पूरा किया है. वहीं, महज 15 फीसदी कर्मचारियों ने इसके लिए पंजीकरण करवाया है. मंत्रालय ने कर्मचारियों को जल्द से जल्द यह कोर्स पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
यह पाठ्यक्रम रेलवे में विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए है, ताकि वह जनसेवा को धर्म मानते हुए अच्छे से अपना कार्य करें. भारतीय रेलवे के अधिकांश पुराने कर्मचारियों ने यह कोर्स पूरा कर लिया है, लेकिन 95 फीसदी नए कर्मचारी इस कोर्स को करने में कतरा रहे हैं.
मंत्रालय की तरफ से सभी महाप्रबंधकों को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ने नवंबर 2022 में आयोजित रोजगार मेले में नवनियुक्त कर्मचारियों के लिए कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल शुरू किया था. इसमें नए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिये आठ कोर्स शामिल किए गये थे. कर्मयोगी भारत के सीईओ ने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिए थे कि नियुक्ति पाने वाले सभी कर्मचारियों को 30 दिन के भीतर यह कोर्स करवाना अनिवार्य है.
पोर्टल पर एक लाख से अधिक लोग मौजूद
आई गॉट कर्मयोगी पोर्टल पर भी यह कोर्स उपलब्ध है, जहां रेलवे के 1.2 लाख कर्मचारी मौजूद हैं. इनमें से महज 15.5 फीसदी ने ही प्रारंभ मॉड्यूल के लिए पंजीकरण करवाया है. वहीं, केवल 4.7 फीसदी कर्मचारियों ने ही यह कोर्स पूरा किया है. अधिकारी की तरफ से बताया गया है कि विभिन्न बैठकों में यह आंकड़े रेलवे के प्रदर्शन को खराब दर्शाते हैं. इस कोर्स की निगरानी के लिए एजीएम स्तर के अधिकारी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है. अधिकारी की तरफ से निर्देश हैं कि वह फरवरी में सभी कर्मचारियों से यह कोर्स पूरा करवाए.