स्टेट बैंक को मोहलत नहीं
सुप्रीम कोर्ट के पांच जज की संविधान पीठ ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 12 मार्च तक चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले चंदे का ब्योरा निर्वाचन आयोग को मुहैया कराने का आदेश दिया. एसबीआई को मंगलवार को बैंक बंद होने से पहले यह ब्योरा देना होगा. कोर्ट ने एसबीआई द्वारा 30 जून तक समय देने की मांग वाली अर्जी खारिज करते हुए यह आदेश दिया.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने चुनावी बांड से जुड़ी सारी जानकारी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान पीठ ने एसबीआई से सवाल किया कि आप पिछले 26 दिनों से क्या कर रहे थे?
आसानी से उपलब्ध है जानकारी पीठ ने कहा कि एसबीआई की ओर से समय देने की मांग वाली याचिका से साफ संकेत है कि संविधान पीठ ने 15 फरवरी के फैसले में जिस जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया था, वह बैंक के पास आसानी से उपलब्ध है, इसलिए हम इस मसले पर किसी तरह की कोई राहत नहीं देंगे.
बैंक को नोटिस पीठ ने कहा, हालांकि हम अवमानना के क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम एसबीआई को नोटिस देते हैं कि अगर वह बताई गई समयसीमा का पालन नहीं करता है तो यह कोर्ट जानबूझकर अवज्ञा के लिए कार्रवाई करेगी.
चुनावी बॉन्ड असंवैधानिक पीठ ने बीती 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. इसके साथ ही, एसबीआई को इस बॉन्ड के जरिए 12 अप्रैल, 2019 से अब तक राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों का विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को मुहैया कराने का आदेश दिया था.
हलफनामा दाखिल करें
पीठ ने कहा कि यदि एसबीआई आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो कोर्ट 15 फरवरी के फैसले की अवहेलना करने के लिए बैंक के सक्षम अधिकारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करेगी. संविधान पीठ ने इसके साथ ही एसबीआई को अपने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया.