कर्मियों को मार्च का वेतन जल्द देने का वादा किया बैजूस

एडटेक कंपनी बैजूस को एक और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उसे कर्मचारियों को वेतन देने में देरी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वेतन में देरी की मुख्य वजह नए राइट्स इश्यू के जरिये मिलने वाली पूंजी को निवेशकों के साथ विवाद के कारण ‘अलग खाते’ में रखा जाना है.
बैजूस में करीब 15,000 कर्मचारी हैं. कंपनी प्रबंधन (बैजू रवींद्रन समेत) ने कर्मचारियों को भरोसा दिया है कि अदालती फैसला जो भी हो, उन्हें मार्च का वेतन 8 अप्रैल तक मिल जाएगा. कर्मचारियों को मार्च का वेतन सोमवार को मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
बैजूस के प्रबंधन ने सोमवार को कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा, ‘हम आपको उम्मीद और आश्वासन के साथ भारी मन से यह संदेश लिख रहे हैं. हमें आपको यह बताते हुए खेद हो रहा है कि वेतन देने में फिर से देर हुई है.’
पत्र में कहा गया है, ‘बैजूस के कुछ भ्रमित विदेशी निवेशकों ने फरवरी के आखिर में अंतरिम आदेश हासिल कर लिया था जिसके तहत सफल राइट्स इश्यू के जरिये जुटाई गई राशि के इस्तेमाल पर रोक लग गई. चार विदेशी निवेशकों के इस गैर-जिम्मेदाराना कदम ने प्रतिबंध हटने तक हमें वेतन वितरण को अस्थायी रूप से रोकने के लिए मजबूर कर दिया है.’
नकदी किल्लत से जूझ रही कंपनी
नकदी किल्लत से जूझ रही बैजूस और उसके निवेशक कंपनी के 20 करोड़ डॉलर के राइट्स इश्यू को लेकर एनसीएलटी में पहुंच गए हैं. चार निवेशकों- प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक एक्सपी (पूर्व में सिकोया) ने 22 अरब डॉलर के बैजूस के सर्वोच्च मूल्यांकन के मुकाबले 99 प्रतिशत से कम की उद्यम वैल्यू से जुड़े राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की थी. एनसीएलटी-बेंगलूरु ने गुरुवार को ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. बैजूस ने शुक्रवार को अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए अपनी ईजीएम आयोजित की. एनसीएलटी ने अपने 27 फरवरी के आदेश में एडटेक फर्म को राइट्स इश्यू से मिलने वाली पूंजी एस्क्रो अकाउंट में रखने का निर्देश दिया था. सूत्रों के अनुसार यह पैसा तब नहीं निकाला जा सकेगा जब तक कि मामले का हल नहीं निकल आता.