आईआईटी को लेकर राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आईआईटी मुंबई में छात्रों का प्लेसमेंट नहीं होने के आरोप पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया है.
राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि बेरोजगारी की बीमारी की चपेट में अब आईआईटी जैसे शीर्ष संस्थान भी आ गए हैं. आईआईटी मुंबई में पिछले वर्ष 32 और इस वर्ष 36 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट नहीं हो सका. जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पिछले चार वर्षों के आंकड़ों को देखेंगे तो आईआईटी मुंबई में हर वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक प्लेसमेंट हुआ है. इस वर्ष भी अभी प्लेसमेंट के लिए 30 जून तक 30 से अधिक कंपनियां आना बाकी हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि राहुल गांधी अपनी सहूलियत के हिसाब से आंकड़ों को तोड़-मरोड़कर आये दिन पेश करते रहते हैं. पस्त और पराजित हो चुकी मुद्दाहीन कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आईआईटी मुंबई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है. प्रधान ने कहा कि हालांकि केवल प्लेसमेंट ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों की विश्वसनीयता का मानक नहीं है, लेकिन उन्होंने प्लेसमेंट पर एक प्रोपेगैंडा चलाया है, इसलिए आईआईटी मुंबई के प्लेसमेंट पर कुछ तथ्य रखना जरूरी है. आईआईटी मुंबई में वर्ष 2023-24 प्लेसमेंट सेशन के लिए कुल 925 अंडरग्रेजुएट विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया. इनमें से कुल 813 विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट ऐक्टिविटीज में हिस्सा लिया. अब तक 616 (76) विद्यार्थियों को प्लेसमेंट ऑफर मिल चुका है.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेसमेंट सेशन अभी खत्म नहीं हुआ है. प्लेसमेंट की प्रक्रिया 30 जून तक जारी रहेगी और इसी अवधि में आईआईटी मुंबई में प्लेसमेंट के लिए 35 से अधिक कंपनियों का आना बाकी है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्लेसमेंट के इच्छुक किसी भी विद्यार्थी को प्लेसमेंट या नौकरी की समस्या न है और न होने वाली है. पिछले चार वर्षों के आंकड़ों को देखेंगे तो आईआईटी मुंबई में हर वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक प्लेसमेंट हुआ है. आज हमारे आईआईटी ग्लोबल हो रहे हैं.