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Fiscal Deficit: 2023-24 में संशोधित अनुमान से कम रहा राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2024 में अनुमान से ज्यादा कर मिलने के कारण केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) संशोधित अनुमान से भी कम रहा. संशोधित अनुमान में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5.8 फीसदी राजकोषीय घाटा रहने की बात कही गई थी मगर आंकड़ा जीडीपी का 5.6 फीसदी रहा.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार केंद्र के राजस्व और व्यय में 16.54 लाख करोड़ रुपये का अंतर रहा, जबकि बजट में यह अंतर 17.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था.

पिछले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का शुरुआती अनुमान था, जिसे अंतरिम बजट में घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया गया था. जब सरकार कमाई से ज्यादा खर्च कर देती है तो खजाने को घाटा यानी राजकोषीय घाटा होता है.

आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध कर प्राप्तियां 23.27 लाख करोड़ रुपये रहीं, जो अनुमान से ज्यादा थीं. इस दौरान सरकार का कुल खर्च 44.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट राशि का 99 फीसदी है.

इस बीच अप्रैल में अप्रत्याशित राजस्व खर्च करने के कारण 2.1 लाख करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा हो गया, जो पूरे साल के लक्ष्य का 12.5 फीसदी है.

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 फीसदी या 16.85 लाख करोड़ रुपये पर रोकने का लक्ष्य रखा है. 2025-26 में घाटा जीडीपी के 4.5 फीसदी पर रोकने के लिए यह जरूरी है.

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