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विदेशी दवाएं बिना ट्रायल देश में बिकेंगी

केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए अमेरिका, यूरोप, जापान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मंजूरी प्राप्त नई दवाओं को भारत में बिना किसी क्लीनिकल ट्रायल के बिक्री की अनुमति प्रदान कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा और ड्रग कंट्रोलर जनरल डॉ. राजीव रघुवंशी ने गुरुवार को दिल्ली में ये जानकारी दी.

सरकार ने दावा कि इस फैसले से दुनिया में बनने वाली नई दवाएं तत्काल देश में मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगी. क्योंकि क्लीनिकल ट्रायल की प्रक्रिया में 3-5 साल का समय लगता है. केंद्र सरकार के अनुसार न्यू ड्रग एवं क्लीनिकल ट्रायल रुल्स 2019 के नियम 101 के तहत अमेरिका, यूरोपीय यूनियन के तहत आने वाले देशों, जापान, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में नियामकों से मंजूरी पा चुकी दवाओं को भारत में अब क्लीनिकल ट्रालय की जरूरत नहीं होगी.

संबंधित दवा कंपनी को एक तय प्रक्रिया के तहत दवा को सीधे बाजार में उतारने की अनुमति दी जाएगी. ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि पांच श्रेणियों के तहत आने वाली दवाओं को यह मंजूरी मिलेगी.

किन पांच श्रेणी की दवाओं को मंजूरी पांच श्रेणियों में दुर्लभ बीमारियों के उपचार की दवाएं, जीन एवं सेल्युलर थेरेपी के तहत आने वाली दवाएं, महामारी के दौरान इस्तेमाल होने वाली कोई दवा, विशेष रक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं तथा मौजूदा उपचार की कोई ऐसी दवा जो चिकित्सकीय उन्नति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो उसे मंजूरी मिलेगी.

दवा सीधे बाजार में बेचने का मौका ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि इससे कंपनी को सीधे अपनी दवाएं बाजार में बेचने का मौका मिलेगा या वह अपनी किसी सहयोगी कंपनी को इसके विपणन का जिम्मा सौंप सकती हैं. ऐसे मामलों में दवा की बिक्री के बाद चौथे चरण के परीक्षणों की बाध्यता बनी रहेगी.

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