संदेश देती हैं श्रीकृष्ण की लीलाएं, आपको भी इससे जरूर जानना चाहिए…
भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने गए हैं. वे कान्हा, कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, माधव, गोविंद, गोपाल, गिरिधर, द्वारकेश, द्वारकाधीश सहित विभिन्न नामों से भी जगत प्रसिद्ध हैं.
रणक्षेत्र में दिया उपदेश…
कान्हा गोकुल छोड़कर नंदगांव आ गए. वहां पर भी उन्होंने कई लीलाएं की जिनमें गोचारण लीला, गोवर्धन लीला, रासलीला आदि मुख्य हैं. इसके बाद मथुरा में मामा कंस का वध किया. सौराष्ट्र में द्वारिका नगरी की स्थापना की और वहां अपना राज्य बसाया. पांडवों की मदद की और विभिन्न संकटों से उनकी रक्षा की. महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और रणक्षेत्र में ही उन्हें उपदेश दिया. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु के अवतार और 16 कलाओं का स्वामी माना जाता है. द्वापरयुग में लड्डू गोपाल से लेकर भगवान श्रीकृष्ण बनने तक उन्होंने कई लीलाएं लोगों के समक्ष प्रस्तुत की.
कृष्ण, वसुदेव और देवकी की आठवीं संतान थे. देवकी, कंस की बहन थी. कंस एक अत्याचारी राजा था. उसने आकाशवाणी सुनी थी कि देवकी के आठवें पुत्र द्वारा वह मारा जाएगा. इससे बचने के लिए कंस ने देवकी और वसुदेव को मथुरा के कारागार में डाल दिया. मथुरा के कारागार में ही भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को उनका जन्म हुआ.