वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट पूर्व बैठक 21 नवंबर से शुरू होने की संभावना है. बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक 21 नवंबर से 24 नवंबर के बीच 7 बैठकें होंगी. राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक दिसंबर में जीएसटी (GST) परिषद की बैठक के दौरान होने की संभावना है. इन बैठकों का मकसद वित्त वर्ष 23 के लिए संशोधित अनुमान और वित्त वर्ष 24 के लिए बजट अनुमान का आवंटन तय करना होता है.
हर वर्ष बजट(Budget) तैयार करने से पहले अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ वित्त मंत्री अपने मंत्रालय के आला अधिकारियों, मुख्य आर्थिक सलाहकार के साथ बजट को लेकर उनके सुझावों को सुनती है. साथ ही सभी सेक्टर्स के प्रतिनिधि अपने सुझाव पत्र वित्त मंत्री को सौंपते हैं. नीति आयोग भी बजट को लेकर उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक करती है जिसमें प्रधानमंत्री (PM) नीति आयोग के चेयरमैन होने के नाते उसमें हिस्सा लेते हैं.
बजट के पहले 21 से 24 नवंबर तक परामर्श में कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग, उद्योग संगठनों, बुनियादी ढांचा एवं जलवायु परिवर्तन, वित्तीय क्षेत्र एवं पूंजी बाजार, सेवा एवं कारोबार, सामाजिक क्षेत्र, ट्रेड यूनियन एवं श्रम संगठनों के सदस्यों के साथ अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा होगी.
10 अक्टूबर, 2022 से वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों अलग अलग मंत्रालयों, सरकार विभागों के साथ केंद्र शाषित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बजट को लेकर इनपुट ले रहे हैं. सभी विभाग और मंत्रालय अपनी तरफ से वित्त मंत्रालय के सामने मांगे रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट पूर्व बैठक 21 नवंबर से शुरू होने की संभावना है. बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक 21 नवंबर से 24 नवंबर के बीच 7 बैठकें होंगी. वहीं राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक वस्तु एवं सेवा कर परिषद की मदुरै में दिसंबर में होने वाली बैठक के दौरान होने की संभावना है.
इसके साथ प्रधानमंत्री भी उद्योग के दिग्गजों के साथ बजट के पहले बैठक करते हैं, जिसका आयोजन नीति आयोग करता है. सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक इकाई भी देश भर के विभिन्न हिस्सेदारों के साथ बाचतीच करके वित्त मंत्री के समक्ष अपनी सिफारिशें पेश करती है.
उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. अक्टूबर में उन्होंने कहा था कि आगामी बजट बहुत सावधानीपूर्वक तैयार किया जाएगा, जिसमें महंगाई और वृद्धि दर के बीच संतुलन होगा. उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती है.