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लखीमपुर. दुधवा आने वाले पर्यटकों को इको टूरिज्म के साथ ही नए किस्म के व्यंजनों का स्वाद भी मिल सकेगा. जल्द ही दुधवा के सैलानी लौटते वक्त अपने साथ अदरक की बर्फी, अचार, मुरब्बा और आर्गेनिक हल्दी भी लेकर जाएंगे. वन विभाग दुधवा के करीबी तीन गांवों में इसके लिए प्रशिक्षण दे रहा है.
दुधवा टाइगर रिजर्व में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. अब तक सैलानी दुधवा के जंगलों का भ्रमण कर लौट जाते थे लेकिन अब वे इधर से कुछ खास ले जा सकेंगे. उत्तर प्रदेश वन निगम दुधवा जंगल के आसपास बसे थारू जनजाति और वनवासियों को प्रधानमंत्री वनधन योजना के तहत प्रशिक्षण दे रहा है. वन निगम अभी तीन गांवों के 900 लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है. वन निगम के प्रबंधक नारायण सिंह दुग्ताल ने बताया कि इसके लिए वन निगम ने चंदन चौकी, बेलापरसुआ, चिरियपुरवा में वनधन योजना के केंद्र खोलकर प्रशिक्षण दे रहा है. इसमें जनजाति की महिलाओं को अचार, मुरब्बा, अदरक की बर्फी बनाने की विधियों और इसे बाजार में बेहतर बिक्री को लेकर प्रशिक्षण दे रहा है. साथ ही बांस से बनने वाले मोबाइल कवर, स्टैंड, पिंजड़ा, टोकरी, चाबी के गुच्छे के साथ अन्य तरह के साजोसामान बनाने को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही आर्गेनिक हल्दी पैदा करने को ट्रेंड किया जा रहा है.
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300 महिलाओं का एक केंद्र पर हो रहा प्रशिक्षण वन निगम तीन जगहों पर वनधन योजना के केंद्र खोले हैं. एक समय में एक केंद्र पर 300 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस तरह से मौजूदा समय में नौ सौ लोगों को प्रशिक्षित कर रहा है. वनधन योजना केंद्र पर प्रशिक्षण के दौरान सभी को रोजाना 150 रुपये का भुगतान हो रहा है. प्रशिक्षण चार दिन का दिया जा रहा है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वन निगम महिलाओं को सामान और मशीनें भी दे रहा है.
वन निगम ही खरीदेगा सामान, करेगा प्रमोशन
वन निगम के प्रबंधक नारायण सिंह दुग्ताल ने बताया कि निगम इस योजना के तहत तमाम सामान बनवा कर खुद ही खरीदेगा. इसके साथ ही इस सामान को खुले बाजार में बेचने और अन्य तरीके से प्रमोशन भी करेगा. दुधवा आने वाले सैलानियों के लिए भी काउंटर लगेगा जिससे वे यहां से सामान लेकर महानगरों और विदेशों में जा सकें.
वन विभाग दुधवा के करीबी तीन गांवों को कर रहा प्रशिक्षित, टाइगर रिजर्व में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, लौटते वक्त अपने साथ आर्गेनिक हल्दी भी ले जा सकेंगे