बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट विदेशी बाजारों में सोयाबीन डीगम दाम टूटने से
विदेशी बाजारों में सोयाबीन डीगम का दाम टूटने के बीच आयातित खाद्य तेलों की कीमतें प्रभावित होने के कारण बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज हुई.
इस दौरान सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली जबकि किसानों की अपेक्षा के अनुरूप दाम नहीं मिलने के कारण मंडियों में कम बिक्री करने से सोयाबीन तिलहन तथा बाजार में आवक घटने के बीच बिनौला तेल के दाम तेजी दर्शाते बंद हुए.
सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना होगा कि खाद्य तेलों के दाम मामूली वृद्धि के साथ लगभग 20 साल पहले की कीमत के आसपास हैं जबकि अन्य वस्तुओं के दाम काफी अधिक हुए हैं. यह स्थिति तेल- तिलहन कारोबार के लिए अच्छा नहीं है.
इसके अलावा तेल- तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की मंशा उचित हो सकती है लेकिन इसके लिए देशी तेल-तिलहन का बाजार विकसित करने तथा आयात नीति और शुल्कों का उचित निर्धारण भी जरूरी है.
उन्होंने कहा कि विदेशी तेलों के थोक दाम सस्ता होने के कारण सरसों जैसा अन्य देशी तेल को बाजार से जूझना पड़ रहा है क्योंकि देशी तेल के दाम बेपड़ता हो रहे हैं और तेल पेराई मिलों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.