इसेंटिव में भेदभाव, कर्मचारियों में नाराजगी
रायगढ़. आयुष्मान भारत योजना के तहत इंसेंटिव राशि के वितरण में जिम्मेदार अधिकारी भेद-भाव कर रहे हैं. यह मामला संज्ञान में आने के बाद भी न तो कोई जांच की जा रही है न ही कोई कार्रवाई. इसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश पनप रहा है और अब कर्मचारी विरोध करने की तैयारी में लग गए हैं.
केजीएच में जहां जीवनदीप समिति के कर्मचारियों को इंसेंटिव राशि जारी की गई. वहीं मातृ-शिुश अस्पताल में एनएचएम के कर्मचारियों को भी इसेंटिव राशि हुई, लेकिन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डेलीविजेस के कर्मचारियों को नियमों का हवाला देते हुए आज पर्यंत इंसेंटिव राशि जारी नहीं किया गया है.
इस मामले के सामने आने के बाद आयुष्मान भारत के जिम्मेदार अधिकारी डॉ. तिलेश दीवान एनएचएम व संविदा कर्मचारियों को भी इंसेंटिव के लिए पात्र बता रहे हैं, अधिकारी के इस कथन के सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डेलीवेजेस व संविदा कर्मचारियों के बीच आक्रोश पनप रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब नियम में पात्रता दी गई है तो अब तक मेडिकल कॉलेज में डेलीविजेस व संविदा कर्मचारियों को इंसेटिव न देने को लेकर सवाल उठ रहा है. अब कर्मचारी इस मामले को लेकर विरोध करने की तैयारी में दिख रहे हैं.
सीएमएचओ कार्यालय के कर्मचारियों को इंसेंटिव
केजीएच में जिन स्वास्थ्यकर्मियों के नाम पर इंसेंटिव राशि जारी हुआ है उस लिस्ट में कुछ ऐसे भी नाम होने की बात कही जा रही है जो कि केजीएच में कभी काम ही नहीं किया है. सीएमएचओ कार्यालय में कार्य करने वाले व क्रय शाखा में बैठने वाले कर्मचारियों के नाम पर इंसेंटिव की राशि जारी कर दिया गया है.
राज्य स्तरीय टीम की जांच का भी पता नहीं
केजीएच में सामने आए इंसेंटिव में गड़बड़ी के मामले में राज्य स्तरीय टीम ने पिछले दिनों जांच के लिए पहुंची थी, लेकिन अभी तक उक्त जांच के आधार अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि अभी भी इंसेंटिव वितरण में मनमानी का खेल जारी है.