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हिंडनबर्ग ने गुमराह किया सेबी

नई दिल्ली: भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च को अडानी समूह मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें समूह के शेयरों पर दांव लगाने में कथित उल्लंघन को लेकर हिंडनबर्ग द्वारा किए दावों पर सवाल उठाए गए हैं.

सेबी का कहना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में तथ्यों को गलत ढंग से पेश किया गया और इसका मकसद लोगों को गुमराह करना था. हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में अडानी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी. इसके बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.

कंपनी ने कोटक बैंक को लपेटा वहीं, नोटिस पर सवाल उठाते हुए हिंडनबर्ग ने इस मामले में कोटक महिंद्रा बैंक को भी लपेट लिया है. कंपनी ने दावा किया है कि उद्योगपति उदय कोटक द्वारा गठित बैंक और ब्रोकरेज कंपनी ने विदेशी कोष बनाया और उसका रखरखाव किया. इस कोष का इस्तेमाल अज्ञात निवेशक ने अडानी समूह के शेयरों में गिरावट से लाभ उठाने के लिए किया. हिंडनबर्ग के इस दावे के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.

उधर, अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने यह भी खुलासा किया था कि उसने अडानी समूह के खिलाफ दांव लगाया और उसे केवल 40 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 32 करोड़ रुपये) से अधिक का लाभ हुआ था.



कोटक महिंद्रा बैंक ने सफाई दी

इस मामले में कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि हिंडनबर्ग कभी भी केएमआईएल या केआईओएफ का ग्राहक नहीं रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि कोष को कभी पता नहीं था कि हिंडनबर्ग उसके किसी निवेशक का साझेदार था. केएमआईएल को कोष के निवेशक से यह पुष्टि और घोषणा भी मिली है कि उसके निवेश किसी अन्य व्यक्ति की ओर से नहीं बल्कि एक प्रमुख निवेशक के रूप में किए गए थे. इसके सभी निवेश सभी लागू कानूनों के अनुसार किए जाते हैं.

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