IND-W vs SA-W: टीम इंडिया की युवा ओपनर शेफाली वर्मा ने अपने पिता से किया वादा पूरा करते हुए ICC विमेंस वर्ल्ड कप के फाइनल में एक बेहतरीन अर्धशतक जमा दिया. वर्ल्ड कप स्क्वॉड में नहीं चुनी गई शेफाली को अचानक सेमीफाइनल मैच से पहले प्रतिका रावल की चोट के कारण टीम में जगह मिली. हालांकि, सेमीफाइनल में वो नाकाम रहीं लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में 21 साल की इस आक्रामक बल्लेबाज ने बेहतरीन वापसी करते हुए यादगार अर्धशतक जमा दिया और इसके साथ ही ऐसा करने वाली सबसे युवा बल्लेबाज बन गईं. हालांकि शेफाली अपना शतक लगाने से चूक गईं और 87 के स्कोर पर आउट हो गईं.
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में टीम इंडिया ने टॉस हारने के बाद पहले बैटिंग करने उतरी थी. बारिश के कारण 2 घंटे की देरी से शुरू हुई इस पारी के कारण पहले बल्लेबाजी करना मुश्किल हो सकता था लेकिन शेफाली ने क्रीज पर उतरते ही इन आशंकाओं को गलत साबित कर दिया. सेमीफाइनल में सिर्फ 10 रन बनाकर आउट होने वाली शेफाली ने इस बार ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए सिर्फ 49 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया.
शेफाली के लिए ये अर्धशतक बहुत खास था क्योंकि यहां तक पहुंचने में उन्हें 3 साल लग गए. वनडे क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जूझ रही शेफाली ने 3 साल से भी ज्यादा वक्त के बाद इस फॉर्मेट में अर्धशतक जमाया. उनका पिछला अर्धशतक जुलाई 2022 में आया था. इसके बाद शेफाली सिर्फ एक बार ही 40 के पार पहुंची थी और उसमें भी वो 49 रन बनाकर आउट हो गई थीं. मगर अब आखिरकार शेफाली ने ये बाधा भी पार की. ये उनके करियर की पांचवीं अर्धशतकीय पारी थी.
इस अर्धशतक के साथ ही शेफाली वर्ल्ड कप फाइनल के इतिहास में अर्धशतक जमाने वाली सबसे युवा बल्लेबाज (महिला या पुरुष) बन गईं. शेफाली ने सिर्फ 21 साल और 278 दिन की उम्र में ये वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. इतना ही नहीं, वो वर्ल्ड कप के फाइनल में अर्धशतक जमाने वाली सिर्फ तीसरी भारतीय ओपनर बन गईं. सबसे पहले ये कमाल मेंस वर्ल्ड कप 2003 में वीरेंद्र सहवाग ने किया था. फिर विमेंस वर्ल्ड कप 2017 में पूनम राउत ने भी अर्धशतक जमाया था. अब शेफाली का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो गया.
हालांकि, शेफाली का दिल टूट गया जब 87 रन के स्कोर पर वो आउट हो गईं. पारी के 28वें ओवर में अयाबोंगा खाका की गेंद पर शेफाली बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में आउट हो गईं. अपनी पारी में शेफाली ने 78 गेंदों में 87 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे. भले ही शतक न बन पाया हो लेकिन शेफाली ने अपने पिता से किया वायदा पूरा किया. सेमीफाइनल में सिर्फ 10 रन पर आउट होने के बाद शेफाली ने अपने पिता को भरोसा दिलाया था कि वो फाइनल में एक बड़ी पारी खेलेंगी और युवा बल्लेबाज ने अपने पिता से वायदा पूरा किया.



















