घरों के फर्श पर लाखों जानलेवा कीटाणुओं का जाल बिछा रहता है. वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और डिसइन्फेक्टेंट कंपनी के शोध में ये नतीजा सामने आया है.
जिनोमिक और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के अनुसार घर में एक स्क्वॉयर फीट फर्श पर लाखों बीमार करने वाले कीटाणु हमेशा मौजूद रहते हैं. ये कीटाणु कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को अपना शिकार बना रहे हैं.
बन रहे गंभीर बीमारी की जड़ घरों की फर्श पर कीटाणुओं के साथ एक हजार तरह के जीवाणु और 200 तरह के वायरस मिले हैं. डायरिया, त्वचा संबंधी रोग, पेशाब की नली में संक्रमण (यूटीआई), मुहांसे और आंखों में संक्रमण का कारण बन रहे हैं.
सीएसआईआर-आईजीआईबी के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर राकेश शर्मा के अनुसार एक कीटाणुनाशक बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर ये शोध हुआ है. देश में ऐसा कोई घर नहीं है जिसकी फर्श पर बीमार करने वाले जीवाणु और कीटाणु नहीं हैं.
सादे पानी से हो रही घर की सफाई देश के सिर्फ 20 घरों में फर्श की सफाई के लिए डिसइन्फेक्टेंट का प्रयोग होता है. अधिकतर घरों में सर्फ और पानी से ही फर्श को साफ करने का चलन है, जिससे फर्श तो साफ दिखती है लेकिन सतह पर मौजूद बीमारी फैलाने वाले कीटाणु, जीवाणु और वायरस जस के तस बने रहते हैं. जैसे ही कोई बीमार या कमजोर प्रतिरोधक तंत्र वाला व्यक्ति इनके संपर्क में आता है उसपर हमला कर उसे बीमार कर देते हैं.
लैंसेट में नवंबर 2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2019 में जीवाणुओं के कारण 6.8 लाख लोगों की जान गई थी.
सामान्य कीटनाशक असरदार नहीं
वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि सामान्य तरह का कीटनाशक फर्श पर मौजूद कीटाणु, जीवाणु और वायरस को मारने में सक्षम नहीं है. लैब में सामान्य तरह के कीटनाशक का परीक्षण किया गया तो पता चला है कि वो फर्श पर मौजूद 50 फीसदी तक ही कीटाणुओं को मार पाता है. लोगों को स्वस्थ रहने के लिए अच्छे खानपान, बेहतर जीवनशैली के साथ साफ-सफाई को लेकर भी सचेत रहना होगा, जिससे बीमारियां दूर रहेंगी.