PM मोदी तीन दिन सिर्फ कंबल बिछाकर सोएंगे, खाएंगे फल
राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर अयोध्या में तैयारियां लगभग अंतिम चरण में हैं. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान भी मंगलवार (16 जनवरी) से शुरू हो चुका है. यह 22 जनवरी तक चलेगा. राम मंदिर अभिषेक समारोह के मुख्य यजमान अनिल मिश्रा होंगे. उन्हें 10 अलग-अलग तरीकों से स्नान कराया जाएगा. राम मंदिर के वैदिक पुजारी सुनील लक्ष्मीकांत दीक्षित ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लगभग 150 विद्वान भाग लेंगे. यह प्रार्थना मंगलवार को शुरू हो चुकी है. 22 जनवरी की शाम तक जारी रहेगी. यजमान की शुद्धि के लिए ‘प्रायश्चित’ प्रार्थना की गई. विष्णु पूजा और गोदान भी किया जाएगा. मूर्ति को साफ करने के बाद इसे मंदिर की ओर ले जाया जाएगा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करनी है. इसके लिए वह 11 दिनों के अनुष्ठान पर हैं. इसके आलाव, पीएम मोदी ने खुद ट्रस्ट से रीति-रिवाजों के बारे में पूछा है. प्रधानमंत्री 11 दिनों से उपवास कर रहे हैं. इस दौरान वह नियमों का पालन कर रहे हैं. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले वह पीएम मोदी बिस्तर पर नहीं सोएंगे. इस दौरान वह कठोर उपवास रखेंगे और केवल फलों का सेवन करेंगे. पीएम मोदी लकड़ी की चौकी या खाट पर सिर्फ कंबल बिछाकर सोएंगे.
जटायु की मूर्ति की करेंगे पूजा
प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ण व्रत रखेंगे. पीएम मोदी विशिष्ट मंत्रों का जाप करेंगे. जटायुजी की मूर्ति उन सभी लोगों के प्रतीक के रूप में बनाई गई है जिन्होंने मंदिर के लिए बलिदान दिया है. पीएम मोदी खुद उनकी पूजा करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी मंदिर निर्माण में भूमिका निभाने वाले मजदूरों से भी मुलाकात करेंगे
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सभी रस्में वाराणसी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और काशी के मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में 121 आचार्यों द्वारा पूरी की जाएंगी. 22 जनवरी को भगवान रामलला के अभिषेक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे.
घर पर जश्न मनाएं, बाद में अयोध्या आएं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि जो भी लोग 22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक समारोह के लिए अयोध्या आने के लिए उत्सुक हैं, उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार बाद में आना चाहिए. 22 जनवरी को हर किसी के लिए अयोध्या पहुंचना बहुत मुश्किल है. राम भक्तों से हाथ जोड़कर उन्होंने अनुरोध है कि 22 जनवरी को अनुष्ठान के साथ कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वे अपनी सुविधा के अनुसार 23 जनवरी के बाद अयोध्या आ सकते हैं.