दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषय पर सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा कि संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई स्थान नहीं है. कांग्रेस ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विरोध करती है.
समिति के सचिव नीतेन चंद्र को भेजे सुझाव में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के विरुद्ध है. यदि एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की आवश्यकता होगी.
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?
खरगे ने 17 बिंदुओं में अपने सुझाव समिति के पास भेजे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और देश के लोगों की ओर से मैं उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष (कोविदं) से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे संविधान और संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उनके व्यक्तित्व और भारत के पूर्व राष्ट्रपति के पद का दुरुपयोग न करने दें.’’
उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार का कड़ा विरोध करती है. एक संपन्न और मजबूत लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि इस पूरे विचार को त्याग दिया जाए.’’