पेटीएम बैंक के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा नहीं

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा नहीं की जाएगी.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि यह निर्णय पीपीबीएल के कामकाज के व्यापक मूल्यांकन और ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
दास ने आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 606वीं बैठक के बाद कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पीपीबीएल मामले में लिए गए फैसले की कोई समीक्षा नहीं होगी. आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के खिलाफ कोई भी निर्णय व्यापक मूल्यांकन के बाद ही किया जाता है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्त-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का समर्थन करता रहा है, लेकिन इसके साथ वह ग्राहकों के हितों की रक्षा और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है.
नियमों की लगातार अवेहलना रिजर्व बैंक ने पीपीबीएल के खिलाफ यह कार्रवाई नियमों के पालन में लगातार विफल रहने पर की है. इसके पहले उसने 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था. केंद्रीय बैंक ने इस कार्रवाई में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उत्पादों, वॉलेट, फास्टैग और एनसीएमसी (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) कार्ड आदि में जमा या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने को कहा है. हालांकि, आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद भी ब्याज जमा करने, कैशबैक या रिफंड की अनुमति दी है.
पेटीएम ने दिया छोटे निवेशकों को तगड़ा झटका
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध के बाद उसकी मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयरों में गिरावट से छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. खुदरा निवेशकों ने दिसंबर तिमाही के दौरान पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी पिछले तीन महीनों में 8.28 से बढ़ाकर 12.85 की थी. यही नहीं कंपनी की इक्विटी पूंजी में दो लाख रुपये तक पैसा लगाने वाले छोटे निवेशकों की संख्या पिछली तिमाही के 9,90,819 थी, जो तीसरी तिमाही में बढ़कर 10 लाख से अधिक हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि पेटीएम के शेयरों में आई भारी गिरावट इनके लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है.