छोटी कंपनियों ने तगड़ा मुनाफा दिया
नई दिल्ली: देश की वृहद आर्थिक बुनियाद को लेकर भरोसे तथा घरेलू स्तर पर तरलता की स्थिति में सुधार के बीच इस साल अबतक छोटी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को अधिक रिटर्न या प्रतिफल दिया है. बीएसई मिडकैप सूचकांक इस वर्ष 16 जुलाई तक 10,984.72 अंक या 29.81 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि स्मॉलकैप में 11,628.13 अंक या 27.24 प्रतिशत का उछाल आया है.
जानकारों ने कहा, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की मुख्य वजह घरेलू स्तर पर नकदी में उछाल है. म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं और प्रत्यक्ष निवेश के जरिये इन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में घरेलू धन का प्रवाह हो रहा है. हालांकि बड़े शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के कारण वे मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों से पीछे रह गए.
इस वर्ष मिडकैप तथा स्मॉलकैप सूचकांक के बेहतर प्रदर्शन की वजह प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता वस्तुओं में क्षेत्र-विशेष में उछाल और उनका निचला मूल्यांकन तथा अर्थव्यवस्था की उच्च वृद्धि क्षमता को दिया जा सकता है.
नया प्रस्ताव लाभ कमाने का देगा मौका
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के उच्च जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए निवेश का नया उत्पाद पेश करने का प्रस्ताव उन्हें पेशेवरों के जरिये प्रबंधित वायदा एवं विकल्प बाजार से लाभ लेने का मौका देगा. साथ ही उन्हें ह्यलांग और शॉर्ट इक्विटी कोष, रिवर्स ईटीएफ आदि जैसी रणनीतियों के नए विकल्प तक पहुंच प्राप्त करने का मौका दे सकता है. बाजार नियामक 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य कोष वाले निवेशकों के लिए निवेश के नए विकल्प तैयार करने पर विचार कर रहा है. इसका मकसद म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं के बीच अंतर को पाटना है.