कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. अब पीएफ खाताधारक अपने या अपने पर आश्रित किसी सदस्य के इलाज के लिए अपने खाते से एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं. पहले इसकी अधिकतम सीमा 50,000 रुपये थी. केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद 16 अप्रैल से नया नियम लागू कर दिया गया है. 10 अप्रैल को ईपीएफओ ने आवेदन के लिए सॉफ्टवेयर में भी बदलाव कर दिए.
पैसे की निकासी के लिए खाताधारकों को उपबंध 68 जेके तहत दावा करना है. उपबंध 68 जेके तहत खाताधारक स्वास्थ्य संबंधित परिस्थितियों में अग्रिम दावा कर पैसे निकाल सकते हैं. हालांकि एक लाख रुपये की सीमा के अंतर्गत खाताधारक छह महीने के मूल वेतन और डीए (या ब्याज के साथ कर्मचारी का हिस्सा) जो कम हो, उसकी निकासी का दावा नहीं कर सकते हैं. बता दें इसके अलावा फॉर्म 31 के तहत पहले से कई परिस्थितियों में आंशिक तौर पर पैसे निकालने का प्रावधान है. इसके तहत शादी, लोन के भुगतान, फ्लैट या मकान का निर्माण कराने आदि के स्थिति में रकम निकाली जा सकती है.
किन परिस्थितियों में दावा कर सकते हैं?
इसका उपयोग खाताधारक सिर्फ जानलेवा बीमारियों के समय ही कर सकते हैं. वो भी तब जब कर्मचारी या उसका मरीज अस्पताल में भर्ती हो. कर्मचारी या फिर उसके मरीज को सरकारी अस्पताल या सरकार से संबद्ध अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है. मरीज निजी अस्पताल में भर्ती कराया है तो इस बारे में जांच होने के बाद ही आप दावा ले सकेंगे.