सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब निवेशक अपनी व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी को भुगतान की तारीख से महज तीन दिन पहले बंद करा सकेंगे या उसकी किस्त को रोक पाएंगे.
म्यूचुअल फंड कंपनी को दो दिन में प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इससे निवेशकों को जुर्माने और अन्य वित्तीय परेशानियों से बचने में मदद मिलेगी. नियम लागू कर दिया गया है. इससे पहले एसआईपी को रद्द कराने के लिए निवेशकों को 10 कार्य दिवस पहले आवेदन करना पड़ता था. इतने लंबे समय में बैंक खाते की स्थिति का सही अनुमान लगाना मुश्किल होता था, जिससे कई बार किस्त बाउंस हो जाती थी. इसके चलते निवेशकों को ईसीएस या मैंडेट रिटर्न चार्ज जैसे अतिरिक्त शुल्क चुकाने पड़ते थे.
ऐसे समझें प्रक्रिया : मान लीजिए कि किसी निवेशक की SIP किस्त हर महीने की 10 तारीख है. किसी महीने में सात तारीख तक उसके खाते में पर्याप्त रकम नहीं है. ऐसे स्थिति में वह सात तारीख को एसआईपी रोकने या बंद करने का अनुरोध कर सकता है. म्यूचुअल फंड कंपनी को 10 तारीख से पहले इसे रद्द करना होगा. इस बीच निवेशक पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगेगा.
1. कंपनियों को अब दो कार्य दिवसों के भीतर ऑटो-डेबिट या ईसीएस निर्देशों को रद्द करना होगा.
2. पहली बार एसआईपी की किस्त चूकने पर निवेशक को सूचित करना होगा.
3. निवेशक को बताना होगा कि अगर वह लगातार तीन बार किस्त भरने से चूकता है तो एसआईपी बंद कर दी जाएगी.
4. एसआईपी के रद्द होने की सूचना निवेशक को मैसेज भेजकर देनी होगी.
5. सभी प्लेटफॉर्म्स पर एसआईपी रद्द करने का विकल्प उपलब्ध कराना होगा.
निवेशकों के लिए बड़ी राहत
सेबी का यह फैसला म्यूचुअल फंड उद्योग में पारदर्शिता और निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि इस नए नियम से एसआईपी निवेशकों को बड़ा फायदा मिलेगा. अब उन्हें जुर्माने का डर नहीं रहेगा और वे अपने निवेश पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे. यह कदम न केवल निवेशकों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें वित्तीय योजना बनाने में भी मदद करेगा.