छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल का लंबे समय की बीमारी के बाद निधन हो गया, उन्होंने बुधवार देर रात अंतिम सांस ली। निधन की खबर आते ही उनके गृह जिला कोरबा समेत पूरे प्रदेशभर में शोक की लहर है। बनवारी लाल अग्रवाल भाजपा नेता हितानंद अग्रवाल के चाचा थे। बनवारी लाल अग्रवाल का मोती सागर पारा में दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार किया जायेगा।
बनवारी लाल अग्रवाल का जन्म 1 मई 1947 को कोरबा जिले के जपेली गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. श्री श्रीधर अग्रवाल था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद रायपुर से एम.एस-सी., बी.एड., एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद उन्होंने वकालत का काम भी किया। अग्रवाल छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक शाला बिलासपुर में व्याख्याता भी रह चुके हैं
छात्रजीवन में राजनीति से जुड़े
पढ़ाई के दौरान वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर उन्होंने सामाज और शिक्षा के लिए समर्पित भाव से कार्य किया। 1990-92 में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष चुने गए थे। वहीं बनवारी लाल अग्रवाल बिलासपुर भाजपा कमेटी के संगठन महामंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव लड़ा था इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद 1998 में वे एक बार फिर मैदान में उतरे और पुन: जीत का परचम लहराया।
2003 तक रहे विधानसभा उपाध्यक्ष
बनवारी लाल अग्रवाल 1996-97- में भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्य बने। इसके बाद 2000 में वे सामान्य प्रयोजन समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे। वहीं 2001 में भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष चुने गए, इसके अलावा वे सरस्वती शिशु मंदिर,रोटरी क्लब एवं लायंस क्लब से संबद्ध रहे हैं। लंबे समय की राजनीतिक सफ़र के बाद वे 28 मार्च 2001 से 9 मार्च 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर आसीन रहे।



















