केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पारिस्थितिकी और पर्यावरण केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है. साथ ही सरकार विभिन्न परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर काम कर रही है.
गडकरी ने मुंबई में पोर्ट्स, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स पर आयोजित 11वें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में कुल वायु प्रदूषण का करीब 40 प्रतिशत यातायात के कारण है. इसलिए देश में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना जरूरी है. सरकार सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय लागू कर रही है. मुंबई में शुरू हुई डबल डेकर बसें इन उपायों के उदाहरण हैं.
“सरकार सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रही है. मुंबई में डबल डेकर बसें शुरू हुईं और बैंगलोर में शुरू हुई बस सेवा इन उपायों के उदाहरण हैं. 260 रोपवे और केबल कारों को दी गई मंजूरी भी इसी प्रयास और सड़क का एक हिस्सा थी. दिल्ली और उसके आसपास लगभग 65 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं भी चल रही हैं. इस काम के पूरा होने के बाद, यह क्षेत्र में यातायात की भीड़ और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा.”
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक हाईवे यानी ई हाईवे बनाने की भी कोशिश कर रही है. गडकरी ने कहा, “इलेक्ट्रिक बसें, इलेक्ट्रिक कार और इलेक्ट्रिक स्कूटर अब चालू हैं लेकिन इसके साथ ही हम फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं.” केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दोहराया कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है. यह कहते हुए कि मुंबई में ईंधन के रूप में मेथनॉल का उपयोग करके बसों और ट्रकों को चलाने में कोई समस्या नहीं है, मंत्री ने कहा कि इससे लागत में बचत होगी और प्रदूषण में कमी आएगी.