हर समय भूख लगना पोषण की कमी का संकेत भी हो सकता है. सही कारण पर ध्यान नहीं दिए जाने से थकान तो बढ़ती ही है और अधिक खाए जाने से मोटापे की आशंका भी बढ़ जाती है. अधिक कैलोरी का सेवन चिड़चिड़ापन भी बढ़ाता है. यों भी असंतुलित आहार कई समस्याओं को बुलावा देना है. किन बाताें पर ध्यान देना है.प्रोटीन की कमी
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार प्रोटीन, भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स को काबू रखते हुए संतुष्टि देने वाले हार्मोन्स को सक्रिय रखता है. बार-बार भूख लग रही है तो अपने आहार में प्रोटीन युक्त चीजें जैसे डेयरी प्रोडक्ट, मछली व समुद्री भोजन, दालें, सोयाबीन, अंडा व मीट आदि खाएं.
नींद की कमी
विभिन्न शोध यह साबित करते हैं कि दिमाग और इम्यून सिस्टम को सुचारू ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त नींद चाहिए. नींद की कमी से हृदय रोगों से लेकर कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में घ्रेलिन हार्मोन बढ़ता है, जिससे बार-बार भूख का अहसास होता है. वहीं पर्याप्त नींद लेने से शरीर में लेप्टिन का स्तर बढ़ता है.
पानी न पीना
पानी पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है. खाना खाने के कुछ देर पहले थोड़ा पानी पी लेने पर भूख नियंत्रित रहती है. साथ ही हम अधिक मात्रा में नहीं खाते. बार-बार भूख लगती है तो पहले पर्याप्त पानी पीने पर ध्यान दें. ऐसे फल व सब्जियां खाएं, जिनमें रस अधिक मात्रा में होता है. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती व भूख नियंत्रित रहती है.
फाइबर की कमी
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों से लंबे समय तक संतुष्ट रहते हैं. भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स को बढ़ावा मिलता है. शार्ट चेन फैटी एसिड के उत्पादन में मदद मिलती है, जो आपको संतुष्टि देते हैं. रोजाना के आहार में अलसी के बीज, शकरकंद, संतरा, अंकुरित अनाज आदि को शामिल करें.
जब हम तनाव में होते हैं तो शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिसकी वजह से भूख और क्रेविंग्स बढ़ जाती है. तनावग्रस्त बच्चे और बड़े डाइट में अधिक कैलोरी लेते हैं. तनाव प्रबंधन पर काम करें. नियमित कुछ समय ध्यान व श्वसन क्रियाएं करना फायदेमंद रहेगा.