समुद्री सुरंग में पूरी गति से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
मुंबई: देश में पहली बार समुद्र के नीचे बनने वाली रेल टनल में बुलेट ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार 320 किलोमीटर प्रतिघंटे पर दौड़ेगी. समुद्र तल से इसकी गहराई दस मंजिला (56 मीटर) है, जबकि टनल की चौड़ाई 13.9 मीटर है. इससे दो हाई स्पीड रेल लाइनों (अप-डाउन) का निर्माण किया जा सकेगा.
देरी से चल रहे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के तहत बनने वाली टनल परियोजना को तेज गति से पूरा करने के लिए एक साथ चार स्थानों से खुदाई का काम शुरू किया जाएगा. टनल खुदाई के लिए विश्व की विशालतम टीबीएम को लगाया जाएगा. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना (बुलेट ट्रेन परियोजना) में समुद्र तल के नीचे बनाई जा रही टनल सबसे जटिल हिस्सा है. मुंबई के बांद्र-कुर्ला कॉप्लेक्स (बीकेसी) क्षेत्र में पहले से काफी ऊंची बहुमंजिला इमारतें हैं. साथ ही टनल की गहराई 56 मीटर है .
विशेषज्ञों के मुताबिक, टनल में तीन तल होंगे और इसमें सबसे नीचे के तल से बुलेट ट्रेन का परिचालन किया जाएगा. रेल मंत्री ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कारिडोर के सूरत-बलिमोरा सेक्शन (50 किलोमीटर) पर अगस्त, 2026 तक बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी.
गुजरात के 284 किलोमीटर कारिडोर पर एलिवेटेड लाइन बिछाई जा चुकी है, जबकि पूरे कॉरिडोर का 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को विक्रोली में ब्लास्ट कर उक्त टनल की खुदाई का शुभारंभ किया. इस मौक पर वैष्णव ने बताया कि नए विचार के साथ टनल की खुदाई एक साथ चार स्थानों से शुरू की गई है. इससे टनल की निर्माण प्रक्रिया तेज गति से संभव हो सकेगी. उन्होंने बताया कि समुद्र के 10 मंजिल नीचे टनल बनेगी और बीकेसी बुलेट ट्रेन का स्टेशन 30 मंजिला होगा.