बार-बार KYC कराने से मिलेगा छुटकारा, एक केवाईसी प्रयोग करने की तैयारी
केंद्र सरकार जल्द ही यूनिफॉर्म केवाईसी के नियम लागू कर सकती है. इसके तहत बैंक, बीमा से लेकर म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय क्षेत्रों के लिए एक ही केवाईसी होगी. वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद ने वित्तीय क्षेत्र में एक समान केवाईसी प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है.
केंद्र ने समान केवाईसी नियमों पर सिफारिशों के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में विशेषज्ञ समिति बनाई है,जो यूनिफॉर्म केवाईसी को लेकर नियमों का ढांचा तैयार करेगी. एफएसडीसी के साथ बैठक में वित्तमंत्री ने भी प्रक्रिया आसान बनाने का सुझाव दिया था.
अभी विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग केवाईसी करवानी पड़ती है. वर्ष 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री का गठन किया गया. एक बार पंजीकरण के बाद इसी एजेंसी के जरिए अलग अलग संस्थानों को केवाईसी दस्तावेज जारी किए जाते हैं.
वित्तीय सेवाओं को आसान बनाने की कोशिश
इस कवायद के जरिए सरकार की कोशिश है कि वित्तीय सेवाओं को आसान बनाया जाए. इस प्रक्रिया के लागू होने से कागजी कार्रवाई, समय और लागत को कम करने में मदद मिलेगी. यूनिफॉर्म केवाईसी की मदद से सभी वित्तीय कामों के लिए अलग-अलग केवाईसी करवाने की जरूरत खत्म हो जाएगी.
बस एक बार पंजीकरण की होगी जरूरत
बताया जा रहा है कि प्रस्तावित नई केवाईसी प्रक्रिया के तहत एक बार केवाईसी दस्तावेज पंजीकृत हो जाने के बाद सीकेवाईसी पहचान पत्र जारी किया जाएगा. इसमें 14 अंकों की विशेष संख्या होगी. बचत खाता खोलने, म्यूचुअल फंड में निवेश करने और बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए निवेशक को अलग-अलग केवाईसी दस्तावेज जमा करने के बजाय केवल एक बार सीकेवाईसीआर से जुड़ा केवाईसी विवरण देना होगा.
म्यूचुअल फंड केवाईसी के लिए बिल मान्य नहीं
31 मार्च 2023 के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के मामले में केवाईसी के लिए बिजली-पानी समेत अन्य जरूरी बिल, बैंक और डाकघर खाता विवरण, संपत्ति कर की रसीद और पेंशन या पारिवारिक पेंशन भुगतान आदेश जैसे दस्तावेज मान्य नहीं होंगे. आदेश के मुताबिक, जिन निवेशकों ने केवाईसी के लिए इनका इस्तेमाल किया है, उन्हें वैध दस्तावेजों के साथ केवाईसी अपडेट करनी होगी.