शेयर बाजार में अफवाहों पर लगेगी लगाम, 1 जून से नए नियम लागू
मुंबई. शेयर बाजार में अफवाहों के कारण स्टॉक्स की कीमतों में कई बार अचानक भारी उठापटक आती है. शेयर बाजार को इस तरह की अफवाहों से बचाने के लिए सेबी ने नई गाइडलाइंस जारी की है. इस गाइडलाइन के मुताबिक, अगर किसी अनवेरिफाइड न्यूज या अफवाह की वजह से स्टॉक में बड़ा बदलाव आता है तो 24 घंटे के अंदर कंपनी को उस खबर को कंफर्म करना होगा और अपनी स्थिति साफ करनी होगी. यह गाइडलाइन 1 जून से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों पर लागू होगी. वहीं दिसंबर 2024 तक अगली 150 कंपनियों पर लागू होगी.
औसत बाजार भाव पर कंपनियों को रैंक
बाजार में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू को कैलकुलेट करने का तरीका बदल गया है. सेबी के नए निर्देशों के मुताबिक, कंपनियों का मार्केट कैप रोज की ट्रेडिंग से नहीं, बल्कि पिछले 6 महीने के औसत भाव से तय होगा. ये बदलाव 31 दिसंबर 2024 से लागू होंगे. यानी लिस्टेड कंपनियों की रैंकिंग 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक रहे औसत मार्केट कैप के आधार पर तय होगी, जिसमें 31 दिसंबर कट-ऑफ तारीख होगी.
सेबी ने आईपीओ प्रक्रिया को आसान बनाने और ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) लॉन्च करने वाली कंपनियों के लिए नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक अब ओएफएस के आकार में किसी भी बदलाव के लिए नए सिरे से फाइलिंग की जरूरत होगी. ओएफएस शेयरों की संख्या और रुपए में इसकी कीमत पर ही आधारित होगी. बैंक हड़ताल जैसी अप्रत्याशित घटनाओं के कारण आईपीओ की बिडिंग अभी 3 दिन तक के लिए आगे बढ़ाई जाती है, अब सेबी ने इसे घटाकर केवल एक दिन कर दिया है.
आईपीओ लाने वाले प्रमोटर्स को राहत सेबी ने आईपीओ लॉन्च करने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स के लिए अनिवार्य 20% शेयरहोल्डिंग के नियमों में बदलाव करते हुए प्रमोटर्स को बड़ी राहत दी है. अब कंपनी में 5% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले नॉन-प्रमोटर्स भी न्यूनतम प्रवर्तक अंशदान में अपना योगदान कर सकते हैं. यानी अब वे प्रमोटर के रूप में चिह्नित हुए बगैर 20% मिनिमम शेयरहोल्डिंग में रह गई कमी की भरपाई कर सकते हैं. इससे आईपीओ लॉन्च करने वाली न्यूएज कंपनियों को लाभ होगा, जिनमें फाउंडर्स के पास अक्सर कंपनी में 20% से कम हिस्सेदारी होती है.
वेरिफिकेशन को लेकर इंडियन स्टैंडर्ड तैयार
सेबी ने कंपनियों, स्टॉक एक्सचेंज और देश के दिग्गज बिजनेस चैंबर्स एसोचैम, फिक्की और सीआईआई के लिए यह सर्कुलर जारी किया है. इस गाइडलाइन में मार्केट से जुड़े अफवाहों के वेरिफिकेशन को लेकर इंडियन स्टैंडर्ड तैयार किया गया है. यानी अब इनके आधार पर बाजार से जुड़े खबरों को वेरीफाई किया जाएगा. अब सेबी के ‘लिस्टिंग ऑब्लिगेशन और डिस्क्लोजर नॉर्म्स’ के तहत बाजार से जुड़े किसी भी खबर को वेरिफाई करना अनिवार्य होगा. स्टॉक एक्सचेंजों व बिजनेस चैंबर्स को अपनी वेबसाइट पर गाइडलाइंस को प्रकाशित करना होगा.