अगर आप भी अपने बेबी को देते हैं सेरेलैक तो जरूर पढ़ें यह खबर
अपने नौनिहालों को अगर फूड सप्लीमेंट के रूप में आप सेरेलैक दे रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है. दुनिया की सबसे बड़ी एफएमसी और बेबी फार्मूला मैन्युफैक्चरर नेस्ले कथित तौर पर भारत, अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों में बेचे जाने वाले बेबी मिल्क और फूड सप्लीमेंट सेरेलैक में चीनी मिलाता है. स्विस इन्वेस्टीगेटिव आर्गेनाइजेशन Public Eye की एक चौंका देने वाली रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक नेस्ले के निडो और सेरेलैक के नमूनों में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी की मात्रा पाई गई है. नीडो एक वर्ष और उससे अधिक उम्र के शिशुओं के लिए दूध के रूप में उपयोग के लिए है, जबकि सेरलेक छह महीने से दो साल की उम्र के बच्चों के लिए अनाज के लिए दिया जाता है.
कैसे हुआ खुलासा
यह खुलासा तब हुआ जब संगठन ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले इस स्विस बहुराष्ट्रीय कंपनी के बेबी-फूड प्रोडक्ट के सैंपल परीक्षण के लिए बेल्जियम की प्रयोगशाला में भेजे.
भारत में 250 मिलियन डॉलर से अधिक की सेल
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2022 में सेल 250 मिलियन डॉलर से अधिक है. सभी सेरेलैक बेबी सेरिल्स में औसतन हर खुराक में लगभग 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है. यही स्थिति दक्षिण अफ्रीका में भी है. यहां सभी सेरेलैक में प्रति सर्विंग चार ग्राम या अधिक अतिरिक्त चीनी होती है.
ब्राजील में औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी
ब्राजील जो, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है, जहां 2022 में लगभग 150 मिलियन डॉलर की बिक्री के साथ, तीन-चौथाई सेरेलैक बेबी फूड (यहां म्यूसिलॉन के रूप में जाना जाता है) में औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है.
ब्राजील में सेरेलैक को म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है. यहां आठ में से दो उत्पादों में कोई अतिरिक्त चीनी नहीं पाई गई, लेकिन अन्य छह में प्रत्येक सर्विंग में लगभग 4 ग्राम चीनी मिली. नाइजीरिया में मात्रा 6.8 ग्राम तक थी.
फिलीपींस में बच्चों के लिए बनाए गए उत्पादों में कोई अतिरिक्त चीनी नहीं होती है. हालांकि, इंडोनेशिया में डैनको के नाम से बेचे जाने वाले निडो बेबी फूड में प्रति 100 ग्राम में लगभग 2 ग्राम अतिरिक्त चीनी या 0.8 ग्राम प्रति सर्विंग होती है.