हाईकोर्ट के निर्देश- पर्यावरण मंडल तय करे डिस्टलरी चलाने की अनुमति उचित है नहीं
बिलासपुर: भाटिया डिस्टलरी के गंदे पानी से प्रदूषण के मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट ने कहा कि मानकों के पालन के आधार पर पर्यावरण मंडल तय करे डिस्टलरी को चालू रखना है या नहीं.
पर्यावरण मंडल की ओर से वकील अमृतो दास ने कोर्ट को बताया कि डिस्टलरी द्वारा पूर्व में मंडल के नोटिस के बाद जुर्माना पटाने के साथ गन्दे पानी और केमिकल की निकासी नदी में बंद करने की जानकारी दी थी.लेकिन केमिकल युक्त पानी की रिसाइक्लिंग कर दोबारा उपयोग के योग्य बनाने की व्यवस्था डिस्टलरी ने नहीं की है. इसलिए मंडल पुन: निरीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.
उल्लेखनीय है कि शराब डिस्टलरी का प्रदूषित पानी और केमिकल शिवनाथ नदी में छोड़ने से ग्राम मोहभट्ठा, धूमा में हजारों की संया में मछलियां और मवेशी मरने पर हाईकोर्ट संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है.
कुछ मवेशी के शव भी नदी किनारे मिले थे. प्रकरण में मुय सचिव, आबकारी विभाग, पर्यावरण विभाग, मुंगेली कलेक्टर, एसपी, आबकारी उपायुक्त को पक्षकार बनाया गया है.
शासन व पर्यावरण मंडल को कार्रवाई रिपोर्ट देने कहा था
राज्य शासन ने डिवीजन बेंच को बताया था कि अप्रैल में एसडीएम बिल्हा ने इसे संज्ञान में लेते हुए पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र लिखकर जांच के लिए कहा था. कोर्ट ने पूछा कि जांच कहां तक पहुंची और रिपोर्ट में किस बात की जानकारी दी गई है,विधि अधिकारी इसका जवाब नहीं दे पाए. पिछली सुनवाई के दौरान भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने समय मांग लिया गया था.