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बड़ा बदलाव; अब CISF जवानों को मिलेगी मनचाही तैनाती

सीआईएसएफ जवानों को तैनाती से संबंधित बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है. CISF ने अपने तबादला नियम में बड़ा बदलाव किया है. अब सीआईएसएफ जवानों, महिलाओं, जोड़े कर्मियों एवं दो साल में सेवानिवृत्त होने जा रहे कर्मचारियों को तैनाती में जगह चुनने की आजादी होगी. जवानों को तीन से लेकर 10 जगहों का चयन करना होगा. इनमें से जिस जगह संभव होगा, वहां उस कर्मी को प्राथमिकता के साथ तैनाती दी जाएगी.

सीआईएसएफ के मुख्य प्रवक्ता श्रीकांत किशोर ने बताया कि सीआईएसएफ अधिनियम-1968 की धारा-15 के तहत बल के प्रत्येक सदस्य को भारत में या बाहर किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है. आखिरी बार वर्ष 2017 में तैनाती को लेकर नियम बने थे. इसके बाद से बल में काफी बदलाव आया है. खासतौर से महिला कर्मचारियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि 2017 के अराजपत्रित बल सदस्यों के तबादले संबंधित दिशा-निर्देशों की समीक्षा कर उसे बदला गया है. इस बदलाव से सीआईएसएफ के 98 फीसदी कर्मचारियों को लाभ होगा.

डोमेन विशेषज्ञ किए जाएंगे तैयार : पहली बार कम से कम 10 क्षेत्रों में डोमेन विशेषज्ञों का एक पूल बनाया जाएगा. ज्ञान और कौशल के उच्चतम स्तर से युक्त बल सदस्यों को कम से कम 10 क्षेत्रों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, विमानन सुरक्षा, प्रशिक्षण, युद्ध शिल्प, हथियार और रणनीति, एंटी-ड्रोन समाधान, श्वान (कैनाइन), अग्नि प्रबंधन आदि में डोमेन विशेषज्ञों के रूप में पहचान कर तैनात किया जाएगा.

महिलाओं और कार्यरत जोड़ों को भी प्राथमिकता : CISF में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसी महिला कर्मियों के लिए कार्य एवं जीवन संतुलन पर ध्यान देने की जरूरत है. विशेष रूप से जो अकेले अपने परिवार का प्रबंधन करती हैं. नापसंद पोस्टिंग के 6 साल बाद उनकी बची हुई सर्विस पसंद वाली पोस्टिंग होगी. तबादले के दौरान उन्हें रिक्तियों के आवंटन में दूसरी प्राथमिकता मिलेगी. तबादले दिसंबर से फरवरी के बीच होंगे.

तबादले के लिए तीन विकल्प देने होंगे

दो वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को उनके द्वारा दिए गए 3 विकल्पों में से एक स्थान पर तैनाती दी जाएगी. उन्हें तबादले के आदेश जारी करने के दौरान रिक्तियों के आवंटन में पहली प्राथमिकता दी जाएगी. अभी CISF द्वारा सेवानिवृत्त होने से एक वर्ष पूर्व ही मनचाहे शहर में तैनाती मिलती है. इस आदेश से उन्हें बच्चों की शादी और सेवानिवृत्ति के बाद के मुद्दों को निपटाने की योजना बनाने में मदद मिलेगी.

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